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फर्जी बयानों से चुनावी प्रक्रिया पर पड़ रहे हैं नकारात्मक असर, बोले सीईसी(CEC) राजीव कुमार

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में विश्वास को कमजोर करने वाले फर्जी बयानों पर चिंता जताई है। दिल्ली में आयोजित ‘वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति, ईएमबी के लिए सीख’ विषय पर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी आख्यान आमतौर पर चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण मोड़ पर उसके महत्वपूर्ण पहलुओं को निशाना बनाने के लिए गढ़े जाते हैं।

By: Rekha 
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फर्जी बयानों से चुनावी प्रक्रिया पर पड़ रहे हैं नकारात्मक असर, बोले सीईसी(CEC) राजीव कुमार

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में विश्वास को कमजोर करने वाले फर्जी बयानों पर चिंता जताई है। दिल्ली में आयोजित ‘वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति, ईएमबी के लिए सीख’ विषय पर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी आख्यान आमतौर पर चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण मोड़ पर उसके महत्वपूर्ण पहलुओं को निशाना बनाने के लिए गढ़े जाते हैं।

भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के प्रतिनिधि और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सदस्य चुनावी प्रक्रिया से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। इसमें मॉरीशस, भूटान, कजाकिस्तान, नेपाल, नामीबिया, इंडोनेशिया, रूस, श्रीलंका, ट्यूनीशिया और उजबेकिस्तान जैसे देशों के चुनाव आयोगों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

सीईसी ने फर्जी आख्यानों से निपटने की आवश्यकता पर जताया जोर

अपने मुख्य भाषण में सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि 2024 चुनावों के दौरान चुनौतियों और जटिलताओं के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि करने की दिशा में यह वर्ष निर्णायक साबित होगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी, डिजिटल नवाचारों और पारदर्शिता के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में विश्वास को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। लेकिन साथ ही, उन्होंने बताया कि तकनीकी प्रगति के साथ-साथ साइबर सुरक्षा खतरों और गलत सूचना से निपटने के लिए ठोस रणनीतियाँ तैयार करनी चाहिए।

भ्रामक सूचनाएं बड़ा खतरा
सम्मेलन में दुनियाभर के चुनाव अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत सूचना, भ्रामक जानकारी और फर्जी आख्यानों के चुनावी अखंडता पर नकारात्मक असर के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। सीईसी कुमार ने कहा कि तकनीकी प्रगति चुनावों को पारदर्शी, समावेशी और सुलभ बनाने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसे सही दिशा में लागू करना भी उतना ही जरूरी है।

चुनाव प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

इस दौरान चुनावी समानता, समावेशी चुनावों के लिए आवश्यक कदम, क्षमता निर्माण, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर भी चर्चा की गई। सीईसी ने वैश्विक सहयोग के महत्व पर जोर दिया और सभी चुनाव प्रबंधकों से अपील की कि वे चुनावों को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सभी उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं।

इस सम्मेलन का उद्देश्य चुनावी अखंडता को सुनिश्चित करना और आगामी चुनावों को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाना है।

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