बहराइच। कर्नाटक के संकेश्वर से लखनऊ के लिए श्रमिक ट्रेन से निकलीं साफिया हाशमी जल्दबाजी में अपने मासूम बच्ची के लिए दूध लेना भूल गईं। उन्हें उम्मीद थी कि ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकेगी और वो दूध खरीद लेंगी लेकिन ऐसा न हो सका।
ट्रेन कर्नाटक से चलने के बाद एकाध स्टेशन पर रुकी जहां पर साफिया ने स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों से हाथ जोड़कर बच्ची के लिए दूध मांगा लेकिन साफिया को अपनी मासूम बच्ची सैयदा के लिए कहीं दूध नही मिला।
1200 किलोमीटर से अधिक के सफर में बच्ची दूध के लिए रोती बिलखती रही। आखिरकार ट्रेन जब भोपाल स्टेशन पर रुकी तो बच्ची को रोता देख एक बार फिर साफिया ने स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों से दूध मांगा और कहा कि उसकी बच्ची बहुत भूखी है।
स्टेशन पर पुलिसकर्मी तो बहुत थे पर इन्ही पुलिसकर्मियों के बीच एक इंदर यादव नाम का सिपाही भी था जिसने कहा की आप चिंता ना करें हम दूध की व्यवस्था करते हैं और सिपाही स्टेशन के बाहर दूध लेने चला गया।
दूध लेकर स्टेशन पर पहुँचते ही सिपाही इंदर ने देखा कि ट्रेन चल चुकी है और रफ्तार पकड़ चुकी है।
ये देखते ही इंदर ने एक हाथ मे रायफल और एक हाथ मे बच्ची का दूध लेकर सरपट दौड़ लगा दी और काफी देर तक तेज रफ्तार में दौड़ने के बाद आखिरकार साफिया के डिब्बे तक पहुँच गया और चलती ट्रेन में दूध बच्ची के मा को दे दिया।
सिपाही इंदर यादव ने खुद की जान का परवाह ना कर वो कर दिखाया जो शायद हम आप कभी नही कर पाएंगे।