असम के बड़े दैनिक अखबार प्रतिदिन के पत्रकार मिलन महंता के साथ मारपीट का मामला सामने आया है।
दरअसल महंता ने हाल ही में असम में दीवाली के पहले ग्रामीण इलाकों में बढ़ जाने वाले जुए के चलन पर न्यूज रिपोर्ट की सीरीज पूरी की थी।
मिलन महंता को गर्दन, सिर और कानों पर चोट आई है। उन्होंने पलाश बारी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई है. उन्होंने अपनी एफआईआर में बताया है कि उनके हमलावर जुआरी थे।
स्थानीय मीडिया का कहना है कि यह हमला भूमि माफियाओं पर की गई मंहता की रिपोर्टिंग की वजह से भी किया गया हो सकता है, क्योंकि ये माफिया ही जुआरियों का रैकेट भी चलाते हैं।
अब इसी मामले पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को पत्र लिखकर राज्य में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
गिल्ड ने राज्य में 1991 के बाद मारे गए 32 पत्रकारों की सूची भी दी है।
पत्र में कहा गया है, ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने असम में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों को लेकर बेहद चिंता के साथ आपको पत्र लिखा है।
हम आपके द्वारा इन घटनाओं की कड़ी निंदा किए जाने की प्रशंसा करते हैं, लेकिन हालात इस मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हैं।