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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक से ईडी ने की पूछताछ : जानिए पूरा मामला

By: RNI Hindi Desk 
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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक से ईडी ने की पूछताछ : जानिए पूरा मामला

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, 112 करोड़ रुपये के घोटाले में उनका नाम आने के बाद ईडी ने आज उनसे पूछताछ की है। दरअसल जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित 112 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सालों पुराना है।

आपको बता दे कि इसकी जांच पहले जम्मू और कश्मीर पुलिस को दी गई थी लेकिन उसके बाद धीरे धीरे इसमें सीबीआई जुड़ गयी और पैसे के हेर फेर का मामला सामने आने के बाद ईडी भी अब इस मामले की जांच कर रही है।

बीसीसीआई ने 2002 से 2011 के बीच जम्मू कश्मीर में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन आरोप है कि इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपये का गबन किया गया है।

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू एंड कश्मीर बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर को इसमें आरोपी बनाया गया है।

वहीं, ईडी की पूछताछ को लेकर फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए इसे बदले की कार्यवाही बताया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस शीघ्र ही ईडी समन को लेकर जवाब देगी। यह गुपकार समझौते के लिए हुए अलायंस के गठन को लेकर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए की जा रही है। बताना चाहता हूं कि डॉ साहब के आवास पर छापा नहीं मारा जा रहा है।

इसके अलावा हाल ही में रिहा हुई पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती ने भी ट्वीट कर जरिए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है की जिस प्रकार के कश्मीर की पार्टियां एक हो रही है उससे घबरा कर और बदला लेने के लिए केंद्र ऐसी कार्यवाही कर रहा है।

आपको बता दे की कश्मीर अब पूर्ण राज्य नहीं रहा है। पिछले साल पांच अगस्त को संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने धारा 370 के खात्मे का एलान कर जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।

इसी के बाद महबूबा मुफ़्ती, उमर अब्दुला, फारुक अब्दुल्ला समेत कई बड़े नेताओं को सरकार ने नजरबंद कर दिया था। सरकार ने इसी साल जून में उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया था लेकिन महबूबा मुफ़्ती की रिहाई दो दिन पहले ही हुई है।

सबसे देरी से उन्हें ही रिहा किया गया है और रिहा होते ही उन्होंने एक ऑडियो सन्देश जारी किया था जिसमें उन्होंने यह कहा था की सरकार का ये निर्णय बेहद की तानाशाही था और वो आर्टिकल 370 की बहाली के हक में है।

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