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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आज से लागू हुआ ड्रेस कोड, जानिए नए दिशा-निर्देश और कारण

मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में भक्तों के लिए अब नए ड्रेस कोड के दिशा-निर्देश लागू कर दिए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने से पहले भारतीय परिधान पहनने की सलाह दी गई है।

By: Rekha 
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मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आज से लागू हुआ ड्रेस कोड, जानिए नए दिशा-निर्देश और कारण

मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में भक्तों के लिए अब नए ड्रेस कोड के दिशा-निर्देश लागू कर दिए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने से पहले भारतीय परिधान पहनने की सलाह दी गई है। इस नए नियम को लेकर मंदिर प्रशासन ने गाइडलाइंस जारी की हैं, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर का ड्रेस कोड: क्या हैं नए दिशा-निर्देश?

सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने अपने भक्तों के लिए नए ड्रेस कोड की घोषणा की है, जिसके अनुसार, श्रद्धालुओं को अब भारतीय परिधान पहनने की सलाह दी गई है। ट्रस्ट ने यह फैसला मंदिर की पवित्रता और शालीनता को बनाए रखने के लिए लिया है। इसके तहत, कटे-फटे ट्राउजर, छोटी स्कर्ट, और ऐसे कपड़े जिन्हें पहनकर शरीर के अंगों को दिखाया जाता है, पहनने की अनुमति नहीं होगी। इस नियम का उल्लंघन करने वालों को मंदिर के प्रभादेवी इलाके में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

यह निर्णय क्यों लिया गया?

सिद्धिविनायक मंदिर में रोजाना लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं, और कई बार श्रद्धालुओं ने मंदिर में अनुशासन की कमी और अनुचित कपड़े पहने हुए भक्तों के बारे में शिकायतें की थीं। इन शिकायतों के मद्देनजर, मंदिर ट्रस्ट ने यह ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया। ट्रस्ट का मानना है कि इस कदम से मंदिर की पवित्रता बनी रहेगी और श्रद्धालुओं को शांति और आराम से दर्शन करने का अवसर मिलेगा।

देशभर में ड्रेस कोड के नियम

सिद्धिविनायक मंदिर के इस कदम की तरह, भारत में कई अन्य मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू है। इन नियमों का उद्देश्य मंदिरों में पवित्रता बनाए रखना और श्रद्धालुओं के सम्मान को सुनिश्चित करना है। कुछ अन्य प्रमुख मंदिरों में भी ड्रेस कोड का पालन किया जाता है, जिसमें खासकर पारंपरिक भारतीय कपड़े पहनने पर जोर दिया जाता है।

आचार्य पवन त्रिपाठी ने कहा, “यह निर्णय किसी राजनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक और आस्था से जुड़ा मामला है। जब लोग किसी मंदिर में जाते हैं, तो सामान्यत: अच्छे कपड़े पहनकर जाते हैं। हम यही चाहते हैं कि सिद्धिविनायक मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इसका पालन करें।”

सिद्धिविनायक मंदिर: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र

सिद्धिविनायक मंदिर न केवल मुंबई, बल्कि पूरे भारत और दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां लाखों लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के प्रशासन का मानना है कि भक्तों के अच्छे और शालीन कपड़े पहनने से न केवल मंदिर की पवित्रता बनी रहेगी, बल्कि एक सकारात्मक और सम्मानजनक वातावरण भी उत्पन्न होगा।

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