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अवैध संबंध को छिपाने के लिए डेंटिस्ट ने दफनाया मरा कुत्ता, फिर भी हो गया गिरफ्तार

By Amit ranjan 
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नई दिल्ली : कहा जाता है कि आप जैसा करोगे, वैसा ही आपको भरना भी होगा। ऐसा ही कुछ उस डेटिस्ट के साथ भी हुआ, जिसे वो एक कब्र में दफनाना चाहता था, हालांकि इसी कब्र ने उसके उस साजिश का खुलासा किया जिससे वो आज कटघरे के पीछे नजर आ रहा है। दरअसल एक डेंटिस्ट ने अपने अवैध संबंध को छिपाने के लिए अपनी ही असिस्टेंट की हत्या कर दी और उसे अपने क्लिनिक के बगल में खाली जमीन पर मजदूरों से दफनावा दिया।

हालांकि इस दौरान मृतक के माता-पिता रोज अपनी बेटी को तलाश करते हुए क्लिनिक आते लेकिन यह डॉक्टर उन्हें किसी बहाने टरका देता था। इसके बाद मृतक असिस्टेंट की मां ने 1 फरवरी को अपनी 23 वर्षीय बेटी भानू केवट की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पूछताछ के दौरान आरोपी डेंटिस्ट कई दिनों तक पुलिस को चकमा देता रहा मगर आखिरकार पुलिस की सख्ती के सामने उसे टूटना पड़ा। और अपने जुर्म को कुबूल कर लिया।

आरोपी डॉक्टर का कहना है कि युवती डॉक्टर पर शादी का दबाव बना रही थी इससे छुटकारा पाने के लिए उसने असिस्टेंट की हत्या कर दी। खबरों के मुताबिक, डॉक्टर ने युवती को पहले अपने प्रेमजाल में फांसा और जब उसने शादी का दबाव डालना शुरू किया तो डॉक्टर ने उसकी हत्या करके अपने क्लिनिक के बगल में खाली जमीन पर गड्ढा करवाकर दफना दिया।

 

पुलिस का कहना है कि डॉक्टर इतना शातिर निकला कि उसने गड्ढे में एक मरे कुत्ते को भी डाल दिया ताकि लोगों को दुर्गंध महसूस हो तो वो शक न कर सकें। पुलिस ने लापता भानू केवट की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के आरोप में डेंटल सर्जन डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस का कहना है कि आरोपी मोबाइल के सीडीआर से पुलिस की पकड़ में आया। जिसके बाद उसने पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने भानू का शव भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने बताया कि एक निजी महाविद्यालय में एलएलबी की छात्रा भानू डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी के धवारी स्थित क्लिनिक में 2 साल से बतौर अटेंडेंट काम करती थी। इसी बीच दोनों करीब आए और दोनों के बीच प्रेम हो गया।

आरोप है कि शादी का दबाव बनाने से नाराज डेंटल सर्जन ने पिछले साल 14 दिसंबर को शाम 7 बजे क्लिनिक में ही भानू का गला घोंटकर हत्या कर दी और 15 दिसंबर की रात शव को क्लीनिक के पास एक सूनी गली में दफना दिया।

आपको बता दें कि डेंटल सर्जन आशुतोष त्रिपाठी मूलत: सिंहपुर थाना के अंतर्गत शिवराजपुर का रहने वाला है। यहां धवारी में उसका डेंटल क्लिनिक है। जबकि मृतका भानू मल्लाहन टोला की रहने वाली थी। भानू की मां की ओर से एक फरवरी को बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

नगर पुलिस अधीक्षक वीपी सिंह ने बताया कि भानू डॉक्टर के यहां काम करती थी। 14 दिसम्बर से वह अपने घर नहीं गई थी। उसके घर वाले आते थे और डॉक्टर से पूछते थे तो वो उनको बहानेबाजी करके बता देता था कि वह दूसरी जगह काम करने लगी है और 2-3 दिन में आ जाएगी। 1 फरवरी को परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

रिपोर्ट के बाद पुलिस ने जांच के दौरान डॉक्टर से पूछताछ की। शुरुआत में तो वह इनकार करता रहा लेकिन काफी पूछताछ के बाद अपना जुर्म कुबूल कर लिया। आपको बता दें कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 और हत्या कर साक्ष्य मिटाने पर आईपीसी की धारा 201 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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