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कौशांबी: यूपीसीए में भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच की मांग

By RNI Hindi Desk 
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{ कौशाम्बी से शेषधर तिवारी की रिपोर्ट }

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के खिलाड़ियों के चयन में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। कौशांबी में तैनात अपर जिला जज (ADJ) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की है, उन्होंने चंदौली में 13 मार्च 2019 को यूपीसीए अध्यक्ष समेत 5 के खिलाफ FIR दर्ज कराई।

इस पर आरोपियों ने उन्हें व उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी है। ADJ ने भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने की मांग किया है। इतना ही उन्होंने 29 जनवरी को एक जनहित याचिका हाइकोर्ट में दाखिल की है। इसकी सुनवाई 5 फरवरी को है।

उन्होंने समस्त दस्तावेज, FIR कॉपी के साथ ओसा के कांशीराम गेस्ट हाउस में प्रेसवार्ता कर भ्रस्टाचार का खुलासा किया।जनपद न्यायालय कौशाम्बी में एससीएसटी कोर्ट के अपर जिला सत्र एवं न्यायाधीश रमेश कुमार यादव ने प्रेस वार्ता की।

इस दौरान उन्होंने बताया कि 13 मार्च वर्ष 2019 को उन्होंने चंदौली के सदर कोतवाली में यूपीसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक शर्मा, सचिव यदुवीर सिंह, उत्तर प्रदेश-19 क्रिकेट टीम के कोच व मैनेजर समेत अन्य करवाई थी।

उन्होंने बताया कि उनका बेटा त्रिकेश यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की क्रिकेट टीम का उपकप्तान था। उसका चयन वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश-19 क्रिकेट टीम में हुआ था। त्रिकेश यादव कूच बिहार ट्राफी में शामिल हुआ, इसके बाद महाराष्ट्र, विदर्भ में हुए मैच में 15 सदस्यीय टीम का सदस्य रहा।

वह लौटकर आया तो मैच की उपस्थिति का प्रमाण पत्र मांगा गया, लेकिन यह प्रमाण पत्र दिया गया कि वह मैच में शामिल था, वह उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं, लेकिन उपस्थिति का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया, इससे वह बीए द्वितीय वर्ष में हुई अंग्रेजी की परीक्षा में फेल हो गया था। इसके बाद उन्होंने रिपोर्ट लिखवाई थी।

अपर जिला जज का आरोप है कि यूपीसीए में भ्रष्टाचार खुलेआम हो रहा है। एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना में यूपीसीए के अध्यक्ष राजीव शुक्ला और डायरेक्टर अथवा निजी सचिव मो. अकरम सैफी का नाम प्रकाश में नहीं लिया गया। कहा कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उनको धमकी भी दी गई थी। आरोप है कि खिलाड़ियों के चयन में बडे़ पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। मैच फीस के साथ पुरस्कार की राशि गबन की जा रही है।

चार्जशीट कोर्ट भेजी जा चुकी है, लेकिन नामजद आरोपियों से पूछताछ तक नहीं हुई। न ही वह आए थे। कहा कि रिपोर्ट कराए जाने के बाद से उनकी व उनके बेटे त्रिकेश यादव की जान को खतरा है। एक्सीडेंट में उसे मारने का प्रयास हो चुका है। उनकी मांग है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए। वह इस मामले में प्रधानमंत्री को भी जल्द ही पत्र लिखेंगे।

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