नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में पुलिसिया जांच के दौरान टूलकिट मामला सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एक मुख्य आरोपी दिशा रवि को गिरफ्तार किया। जो एक क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट है। आपको बता दें कि इस गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई बड़े विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा, तो वहीं दिल्ली पुलिस अब दिशा रवि के साथियों की तलाश में है।
प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली पुलिस ने बताया कि टूलकिट साजिश में पोएटिक फाउंडेशन शामिल है। उन्होंने कहा कि टूलकिट में गलत जानकारियां दी गई है। पुलिस के अनुसार जनवरी में टूलकिट बनाया गया ताकि आंदोलन को बढ़ाया जा सके। इसे विदेशों में ले जाया सके और विदेशों में भारत के दूतावास को टारगेट किया जा सके।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 11 जनवरी को जूम मीटिंग की गई थी. इस मीटिंग में निकिता, शांतनु और दिशा रवि शामिल थे। इस मीटिंग में एमओ धालीवाल भी शामिल हुए थे। इस मीटिंग में ये तय किया गया कि 26 जनवरी से पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा किया जाएगा। पुलिस के अनुसार लगभग 60 से 70 लोग जूम मीटिंग में शामिल हुए।
साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेम नाथ ने बताया कि पुलिस का दावा है कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनाई गई। पुलिस का कहना है कि ये लोग जितना ज्यादा हो सके दुष्प्रचार करना चाहते थे।
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के अधिकारियों ने 21 साल की दिशा रवि को बेंगलुरु से सोलादेवनहल्ली से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने दिशा पर संगीन इल्जाम लगाए हैं। दिशा रवि पुलिस फिलहाल पांच दिन के पुलिस के रिमांड पर हैं। वहीं दिल्ली पुलिस का दावा है कि दिशा और निकिता के लैपटॉप से आपत्तिजनक सूचनाएं बरामद की गई है। अभी तक इस मामले में जो तीन नाम सामने आए हैं, उनमें दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु शामिल हैं, जिसे लेकर पुलिस लगातारी छापेमारी कर रही है।
आपको बता दें कि इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस को खालिस्तानी एंगल भी मिला है. पुलिस के अनुसार, ये खलिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने की बड़ी साजिश है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिशा और टूलकिट से जुड़े अन्य लोग खालिस्तानी संगठन पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के धालीवाल के संपर्क में थे, जबकि दिशा ने धालीवाल या पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन से किसी लिंक से इनकार किया है।