दिल्ली में आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स की समस्याओं को लेकर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पिछले सात महीने से वेतन नहीं मिलना बेहद शर्मनाक है। आशा वर्कर्स केवल 3,000 रुपये के मामूली मानदेय पर काम कर रही हैं, और उनकी उपेक्षा राज्य सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाती है।
बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात कर इस गंभीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा, “आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स की समस्याओं को LG ने संवेदनशीलता से सुना और मुख्यमंत्री से इस पर चर्चा कर समाधान का आश्वासन दिया है।”
दिल्ली की आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स की उपेक्षा #AAP सरकार की असंवेदनशीलता का उदाहरण है।
आंगनवाड़ी वर्कर्स पिछले 7 महीनों से वेतन से वंचित हैं, और आशा वर्कर्स मात्र ₹3,000 के मामूली मानदेय पर काम कर रही हैं। उनके स्टाइपेंड में, जिसे हर 3 साल में नीति के अनुसार बढ़ाना अनिवार्य है,… pic.twitter.com/ClAjfyCjBR
— Bansuri Swaraj (@BansuriSwaraj) December 30, 2024
सोशल मीडिया पर उठाई आवाज
सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “दिल्ली की आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स की अनदेखी आम आदमी पार्टी सरकार की असंवेदनशीलता का उदाहरण है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सात महीने से वेतन नहीं दिया गया और स्टाइपेंड में भी कोई वृद्धि नहीं की गई।”
#WATCH | Delhi | On meeting with Delhi LG VK Saxena, BJP MP Bansuri Swaraj says, "It is very shameful that the AAP government of Delhi has not given salaries to the Anganwadi workers for the last 7 months. Asha workers are working on a salary of Rs 3,000 and their stipend has not… pic.twitter.com/d52mlEjY0v
— ANI (@ANI) December 31, 2024
आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स की दुर्दशा
वेतन में देरी: आंगनबाड़ी वर्कर्स पिछले सात महीने से वेतन से वंचित हैं, आशा वर्कर्स केवल 3,000 रुपये प्रति माह के मामूली वेतन पर काम कर रही हैं। तीन साल में स्टाइपेंड बढ़ाने की नीति के बावजूद अब तक कोई संशोधन नहीं किया गया।
भाजपा का बड़ा सवाल
भाजपा सांसद ने AAP सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्थिति दिल्ली सरकार की नीतियों और प्रशासनिक अक्षमता को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि यह न केवल इन वर्कर्स के लिए बल्कि पूरे सिस्टम के लिए शर्मनाक स्थिति है।
बांसुरी स्वराज की पहल के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि AAP सरकार इस समस्या का समाधान कब और कैसे करती है। आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स को उनका अधिकार दिलाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।