Report by Nandani Todi
योगगुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी बयान के बाद से ही डॉक्टरों और बाबा रामदेव के बीच विवाद खड़ा हो चुका है। जिसके बाद आज दिल्ली HC ने बाबा रामदेव को समन जारी करते हुए उन्हें नसीहत दी कि वे एलोपैथी को लेकर ऊलजुलूल बयानों से बचें। अदालत ने रामदेव से कहा कि ‘आप कोरोनिल का प्रचार करें, कोई दिक्कत नहीं पर एलोपैथी को लेकर ऐसे बयान देने से बचें।’ बता दें, अदालात ने ये बयान दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।
एसोसिएशन ने कहा था कि रामदेव जनता के बीच जो बयान दे रहे हैं, उससे विज्ञान और डॉक्टर्स की छवि को नुकसान हो रहा है। हाई कोर्ट ने रामदेव और अन्य से जवाब मांगा है। अदालत ने इसके अलावा ट्विटर, मीडिया चैनल्स समेत कई सोशल मीडिया संस्थाओं से भी जवाब तलब किया है।
आपको बता दें, एलौपेथ को लेकर रामदेव ने पिछले दिनों कई बयान दिए थे। जिसके बाद देशभर के डॉक्टर लगातार उनपर ऐक्शन की मांग कर रहे हैं। 1 जून को देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने ‘काला दिवस’ भी मनाया था। यहां तक कि, एक वायरल वीडियो में रामदेव एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को बेकार और तमाशा बताते नजर आए थे। और इसी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी।
फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखा और उनसे बयान वापस लेने को कहा। हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को पत्र लिखकर कहा था, “एलोपैथिक दवाओं व डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं। आपके वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर किया। आपने कोरोना इलाज में एलोपैथी चिकित्सा को तमाशा, बेकार और दिवालिया बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। आपके स्पष्टीकरण को मैं पर्याप्त नहीं मानता। अत: आप अपना आपत्तिजनक बयान वापस लेंगे।” रामदेव ने 23 मई को स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बयान वापस लेने की बात कही।