दिल्ली में यमुना नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए सीवरेज के पानी को नदी में गिरने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी ने कहा कि जनवरी 2027 से यमुना में कोई भी अनुपचारित सीवेज पानी नहीं गिरेगा और यदि ऐसा हुआ तो जुर्माना लगाया जाएगा।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से मिलेगा बड़ा सहारा
दिल्ली में दिसंबर 2026 तक सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) कार्यात्मक हो जाएंगे। इससे यमुना नदी को साफ करने में मदद मिलेगी। दिल्ली में छह नए STPs लगाए जा रहे हैं, जो 2027 तक यमुना को पूरी तरह से साफ करने का काम करेंगे।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्य सचिव के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।
नदी से गंदगी हटाने की प्रक्रिया
दिल्ली में यमुना का 57 किलोमीटर का हिस्सा है। इसे साफ करने के लिए ठोस अपशिष्ट, जलकुंभी और खरपतवार हटाने के लिए सात मशीनें लगाई गई हैं। इस प्रक्रिया को अगले कुछ महीनों में पूरा किया जाएगा।
औद्योगिक अपशिष्ट और नालों से मिलकर बनी चुनौती
यमुना में 30 नाले अनुपचारित पानी गिराते हैं। इनमें से नजफगढ़ और बारापुला नाले सबसे बड़े हैं। इन नालों में छोटे-छोटे नाले भी मिलते हैं जो गंदा पानी नदी में डालते हैं। दिल्ली जल बोर्ड इन नालों के माध्यम से सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए लगातार काम कर रहा है।
इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और दिल्ली नगर निगम (MCD) मिलकर औद्योगिक अपशिष्टों के प्रवाह को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
जन जागरूकता अभियान
लोगों को मूर्तियों को विसर्जित करने, कैलेंडर और अन्य वस्तुएं नदी में फेंकने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
दिल्ली सरकार की इस पहल से यमुना नदी में गिरने वाले सीवेज के प्रवाह को रोकने और नदी को साफ करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।