दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) को करारा झटका लगा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए सत्ता में वापसी की है। भाजपा 48 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि AAP को भारी नुकसान हुआ है।
सबसे बड़ा झटका AAP संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लगा है, जो नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा से चुनाव हार गए। इसी तरह, AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से हार गए। हालांकि, कालकाजी सीट से आतिशी ने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,521 वोटों से हराकर पार्टी की इज्जत बचाई।
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत, 27 साल बाद सत्ता में वापसी
1998 से अब तक दिल्ली में भाजपा को विधानसभा चुनाव में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली थी। इस बार, चुनावी नतीजे भाजपा के लिए ऐतिहासिक साबित हुए हैं। मतगणना के रुझानों के अनुसार, भाजपा 48 सीटों पर आगे है, जबकि AAP 21 सीटों पर सिमटती दिख रही है। कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है।
बड़ी हार और जीत – इन सीटों पर कांटे की टक्कर
भाजपा के दिग्गजों की बड़ी जीत
✔ नई दिल्ली सीट: भाजपा के प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को हराया।
✔ जंगपुरा सीट: भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह ने मनीष सिसोदिया को हराया।
✔ करावल नगर सीट: भाजपा के कपिल मिश्रा ने 42,123 वोटों से बढ़त बनाई।
✔ रोहिणी सीट: भाजपा के विजेंद्र गुप्ता 26,003 वोटों से आगे।
✔ शकूर बस्ती सीट: भाजपा के करनैल सिंह ने आप के सत्येंद्र जैन को पछाड़ा।
✔ ग्रेटर कैलाश सीट: भाजपा की शिखा राय, AAP के मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराने के करीब।
✔ पटपड़गंज सीट: भाजपा के रविंदर सिंह नेगी ने AAP के अवध ओझा को पीछे छोड़ा।
AAP के लिए राहत की खबर
✅ कालकाजी सीट: आतिशी ने भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,521 वोटों से हराया।
✅ बल्लीमारान सीट: दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन 29,823 वोटों से आगे।
✅ बाबरपुर सीट: AAP के गोपाल राय 17,221 वोटों से आगे।
✅ ओखला सीट: मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान 13,530 वोटों से बढ़त बनाए हुए हैं।
दिल्ली में AAP का पतन, कांग्रेस फिर से नाकाम
2020 के चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं। इस बार, पार्टी 21 सीटों तक सिमटती दिख रही है। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े चेहरे चुनाव हार गए, जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
वहीं, कांग्रेस की हालत और खराब रही। 2013 के बाद से कांग्रेस दिल्ली में अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी और इस बार भी सिर्फ 1 सीट पर बढ़त हासिल कर पाई है।
भाजपा ने कैसे किया यह करिश्मा?
✔ PM मोदी की लोकप्रियता और विकास कार्यों का असर
✔ AAP सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप
✔ भाजपा का मजबूत संगठन और आक्रामक प्रचार अभियान
✔ कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन, जिससे AAP को कोई समर्थन नहीं मिला
क्या दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाएगी, या AAP गठबंधन के लिए कोई रणनीति अपनाएगी?