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Delhi Election 2025: जाट वोटर्स पर टिकी BJP-AAP की नजर, दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर से चुनाव हुआ रोमांचक

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। दोनों पार्टियों ने जाट समाज को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

By: Rekha 
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Delhi Election 2025: जाट वोटर्स पर टिकी BJP-AAP की नजर, दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर से चुनाव हुआ रोमांचक

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। दोनों पार्टियों ने जाट समाज को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जहां आप जाट समुदाय के समर्थन में केंद्र सरकार पर हमला कर रही है, वहीं भाजपा इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है और केजरीवाल सरकार को घेर रही है।

जाट समाज को आरक्षण सूची में शामिल करने की मांग

सोमवार को जाट समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल न करना अन्याय है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जाट समाज की इस जायज मांग के साथ खड़ी है।

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री ने जाट समाज को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया है। इस मौके पर कई प्रमुख जाट नेता भी मौजूद रहे।

भाजपा का पलटवार: केजरीवाल पर लगाए गंभीर आरोप

भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल दिल्ली देहात और जाट समाज की उपेक्षा के चलते घिर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल अब आरक्षण के नाम पर जाट समाज को भड़काने की साजिश कर रहे हैं।

कमलजीत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केजरीवाल ने जाट समाज की कोई परवाह नहीं की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के मंत्री कैलाश गहलोत ने भी स्वीकार किया है कि जब उन्होंने जाट समाज का मुद्दा उठाया, तो केजरीवाल ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

जाट वोटर्स पर दांव और चुनावी रोमांच

दिल्ली का जाट समाज दोनों पार्टियों के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकता है। आप और भाजपा, दोनों ने जाट समाज को अपने पाले में करने के लिए रणनीति तेज कर दी है। आप जहां इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है, वहीं भाजपा जाट समाज को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रही है कि आप का समर्थन करना उनके हित में नहीं है।

दिल्ली चुनाव की बड़ी तस्वीर

जाट समाज के मुद्दे पर बढ़ते विवाद ने दिल्ली चुनाव को और भी रोमांचक बना दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव सिर्फ नीतियों का नहीं, बल्कि समुदायों के विश्वास जीतने की लड़ाई भी है। अब देखना होगा कि कौन सी पार्टी जाट समाज का समर्थन हासिल कर अपनी स्थिति मजबूत करती है।

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