दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार के गठन के साथ ही भाजपा ने क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। पूर्वांचली समुदाय को सबसे अधिक प्रतिनिधित्व मिला है, जबकि पंजाबी और सिख समुदाय को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर भाजपा ने संतुलन साधने का प्रयास किया है।
जातीय समीकरणों पर खास ध्यान
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने महिला नेतृत्व को बढ़ावा दिया है। वहीं, वैश्य समुदाय से आने के कारण उन्हें भाजपा के परंपरागत वोट बैंक का समर्थन भी प्राप्त है।
🔹 प्रवेश वर्मा – बाहरी दिल्ली के प्रभावी जाट समुदाय से
🔹 मनजिंदर सिंह सिरसा – सिख समुदाय से
🔹 आशीष सूद – पंजाबी समुदाय से
🔹 रविंद्र इंद्रराज सिंह – अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से
🔹 कपिल मिश्रा और पंकज सिंह – पूर्वांचली समुदाय से
दिल्ली में पंजाबी और सिख समुदाय का व्यापक प्रभाव है। भाजपा का पंजाबी समुदाय पर मजबूत पकड़ रही है, जबकि सिख समुदाय का झुकाव कभी कांग्रेस, तो कभी भाजपा की ओर रहा है।
पूर्वांचली समुदाय को अहमियत
इस बार भाजपा ने पूर्वांचली समुदाय को दो मंत्री पद देकर इस वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश की है। यह समुदाय दिल्ली के 40% से अधिक मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है और चुनावी नतीजे तय करने में अहम भूमिका निभाता है।
नड्डा के इशारे पर रेखा गुप्ता ने निभाया प्रोटोकॉल
शपथ ग्रहण के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच से अकेले बाहर जाने लगे, तब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को याद दिलाया कि प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें प्रधानमंत्री के साथ चलना चाहिए। इसके बाद रेखा गुप्ता तेज़ कदमों से पीएम के साथ गईं और उन्हें गाड़ी तक विदा किया।
भाजपा ने संतुलित कैबिनेट बनाई
नई सरकार में भाजपा ने जातीय और सामाजिक संतुलन बनाते हुए क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी है। पूर्वांचली, पंजाबी, सिख, जाट और अनुसूचित जाति समुदायों को शामिल कर भाजपा ने अपने जनाधार को और मजबूत करने की रणनीति बनाई है।