1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. मुख्तार पर POTA लगाने वाले DSP पर लगे केस हुए वापस, अब चंदौली में कर रहे खेती

मुख्तार पर POTA लगाने वाले DSP पर लगे केस हुए वापस, अब चंदौली में कर रहे खेती

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
मुख्तार पर POTA लगाने वाले DSP पर लगे केस हुए वापस, अब चंदौली में कर रहे खेती

नोएडा: साल 2004 में सपा सरकार के दौरान बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पास से सेना की चोरी हुई एलएमजी (Light Machine Gun) बरामद  हुई थी। इस मामले में पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई की थी। हालांकि तब डिप्टी एसपी पर ही केस दर्ज हुए थे और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा था। लेकिन अब योगी सरकार में शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं। यह आदेश CJM कोर्ट ने दिया है। खुद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर कर यह जानकारी दी है।

सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा, ”2004 में इंडियन आर्मी के ही एक भगोड़े जवान ने सेना से लाइट मशीन गन चुराई थी और माफिया मुख्तार को बेच दी थी। जब यह मामला सामने आया, तो UP स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) के तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बहुबली विधायक मुख्तार के खिलाफ POTA (The Prevention of Terrorism Act, 2002) के तहत कार्रवाई की थी, लेकिन उस समय की सरकार (समाजवादी पार्टी सरकार) ने शैलेंद्र सिंह पर दबाव बनाना शुरू किया। इस बात से गुस्साए शैलेंद्र सिंह ने डिप्टी एसपी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में अपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया।”

 

उन्होंने आगे लिखा है, ”लेकिन जब योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे माननीय सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। माननीय न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई। मैं और मेरा परिवार माननीय योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा। संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

गांव में जैविक खेती कर रहे हैं शैलेंद्र सिंह

आपको बता दे कि मुख्तार से लोहा लेने वाले पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह वर्तमान में सैयदराजा क्षेत्र के फेसुड़ा गांव में जैविक खेती कर रहे हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे दादा रामरूप सिंह और पुलिस अफसर पिता स्वर्गीय जगदीश सिंह से बहादुरी उन्हें विरासत में मिली थी। इसलिए माफिया से मोर्चा लेने में तनिक भी नहीं हिचकिचाए। इसके चलते नौकरी छोडऩी पड़ी, फिर भी जीवन में निराशा को हावी नहीं होने दिया।

राजनीति में आजमाया हाथ

1991 बैच के पीपीएस रहे शैलेंद्र सिंह को मुख्तार प्रकरण के बाद 2004 में नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद राजनीति में दाव आजमाया। 2004 में वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़े। इसके बाद 2006 में कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद उन्हें यूपी आरटीआई का प्रभारी बनाया गया। 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चंदौली से लोकसभा का चुनाव लड़े। हालांकि चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे। 2012 में सैयदराजा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े। इस बार भी पराजय हाथ लगी। 2014 में नरेंद्र मोदी के संपर्क में आए और भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बने। उन्हें लोकसभा चुनाव में वार रूम की जिम्मेदारी मिली।

अब यूपी लाया जाएगा मुख्तार

मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। मुख्तार  कोर्ट में व्हील चेयर पर आया और बताया कि वह ज्यादातर बीमार रहता है। कोर्ट ने उसकी बात सुनकर वापस रोपड़ जेल भेज दिया है। पंजाब सरकार का भी कहना है कि वह पूरी तरह से फिट नहीं है, इसलिए कोर्ट उसे यूपी न जाने दे। इस मामले में अब अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। बता दें, कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार को सौंप दिया जाए।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...