हाल ही में दिल्ली में हिंसा ने काफी मासूमों की जान ली। इस दर्दनाक हिंसा ने दिल्ली को बदलकर ही रख दिया है। हिंसा में लाखों-करोड़ो के जान-माल का नुकसान हुआ लेकिन अब दिल्ली प्रशासन ने धीरे-धीरे हालातों पर काबू पा लिया है। बता दे इस हिंसा के बाद दिल्ली के कनॉट प्लेस में लाखों लोगों ने शांति मार्च निकाला।
खास बात यह है शांति मार्च में दिल्ली के शिव विहार, चांदबाग, कबीरनगर, करावल नगर, भजनपुरा, मुस्तफाबाद में हिंसा के शिकार हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। शांति मार्च में जुटे लोगों ने कहा कि, जिस सीएए कानून का यह लोग विरोध कर रहे है उस कानून का इन लोगों से कोई लेना देना नहीं है।
शांति मार्च में शामिल दंगे से पीड़ित लोगों ने जब अपनी दास्तां लोगों को सुनाई तो सबके दिल दहल गया। पीड़ितों की बाते सुनकर लोग भावुक हो गए। इस दंगे में कुछ ने अपने पिता को खोया, तो कुछ ने अपने बेटे को। पीड़ितों का लगातार कहना है कि जिस कानून का उपद्रवी लोग विरोध कर रहे है उससे उनका कोई लेना-देना तक नही है।
शांति मार्च से पहले इन सभी लोगों ने हिंसा में अपनी जान खो चुके लोगों को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद शांति मार्च निकाला गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस शांति मार्च में लगभग 28000 लोग शामिल हुए।