कांग्रेस पार्टी ने सरकार के उस प्रस्ताव का विरोध किया है जिसमें कॉर्पोरेट घरानों को बैंक खोलने की परमिशन देने पर विचार किया जा रहा है। इस सिफारिश की आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने आलोचना की है और उसके बाद अब कांग्रेस ने भी इसका जमकर विरोध किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि आरबीआई का दुरुपयोग नोटबंदी के दौरान भी किया गया और अब भी आरबीआई का इस्तेमाल कठपुतली की तरह किया जा रहा है. कांग्रेस इसका विरोध करती है।
उन्होंने आगे कहा, इंडस्ट्री में कुल 140 लाख करोड़ रुपये डिपॉजिट है। यदि बिजनेस घरानों को अपना बैंक खोलने की इजाजत दी गई तो वे छोटी समता निवेश से ही देश के वित्तीय संसाधनों की बहुत बड़ी राशि को नियंत्रित करने की स्थिति में होंगे।
कांग्रेस का कहना है, बैंको में जनता की कमाई व बचत का पैसा है जिसे महफूज रखना सबसे बड़ा राष्ट्रहित है यदि मोदी सरकार का प्रस्ताव मान ले तो देश की राजनीतिक व आर्थिक ताकत मुट्ठीभर लोगो के हाथ मे सिमट जाएगी सब एक्सपर्ट ने एक स्वर से इसका विरोध किया फिर भी मोदी सरकार ने इसे जबरदस्ती थोपने की कोशिश की है।
उन्हें कहा कि यदि प्रस्ताव पर अमल हुआ तो इस बात में कोई शक नहीं कि राजनीतिक संपर्क वाले बिजनेस घराने सबसे पहले लाइसेंस हासिल कर लेंगे और अपना एकाधिकार स्थापित कर लेंगे।