नई दिल्ली : गलवान घाटी (Galwan conflict) में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले जाबांज कर्नल बी संतोष बाबू(Colonel Bikkumalla Santosh Babu) को मरणोपरांत 23 नवंबर को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 5 अन्य सैनिकों को भी वीर चक्र प्रदान किया गया। आपको बता दें कि ये अवार्ड राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने प्रदान किए।
कर्नल बाबू के अलावा ये वीर भी हुए सम्मानित
कर्नल बाबू को महावीर चक्र के अलावा जिन अन्य बहादुर सैनिकों को वीर चक्र दिया गया, वे हैं- नायब सूबेदार नूदूराम सोरेन (16 बिहार), हवलदार के. पिलानी (81 फील्ड रेजीमेंट), नायक दीपक कुमार ( आर्मी मेडिकल कोर-16 बिहार) और सिपाही गुरजेत सिंह (3 पंजाब)। इन सभी को मरणोपरांत यह मैडल दिया गया। इनके अलावा हवलदार तेजेंद्र सिंह (3 मीडियम रेजीमेंट) को भी चीनी सैनिकों से सीधे लड़ाई करने और उनके मंसूबे फेल करने के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
LIVE: President Kovind presents Gallantry Awards at Defence Investiture Ceremony – 3 at Rashtrapati Bhavan https://t.co/OJheUyVHHV
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 23, 2021
गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को हुई थी झड़प
भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प 15 जून, 2020 को हुई थी। इस लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इनमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। इसमें चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने कभी यह स्वीकार नहीं किया। 1962 के चीन युद्ध और गलवान घाटी में मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को सम्मान देने के लिए रेजांग ला युद्ध स्मारक (Rezang La war memorial) बनाया गया है। इसका उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने 18 नवंबर को किया था। यह स्मारक पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में है।
22 नवंबर को विंग कमांडर अभिनंदन हुए थे सम्मानित
वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान(Abhinandan Varthaman) को उनके अदम्य साहस के लिए 22 नवंबर को वीर चक्र(Vir Chakra) से सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने प्रदान किया। इसके अलावा अन्य वीरों को भी राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था।
तीसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार
वीर चक्र एक भारतीय युद्धकालीन सैन्य वीरता पुरस्कार(Indian wartime military bravery award ) है। यह युद्ध के मैदान में अदम्य साहस दिखाने पर दिया जाता है। यह तीसरा बड़ा भारतीय सैन्य पुरस्कार है। परम वीर चक्र(Param Vir Chakra) और महा वीर चक्र(Maha Vir Chakra) के बाद यह आता है। पहला वीर चक्र 1947 में दिया गया था। अभिनंदन के अलावा अब तक 361 वीर चक्र प्रदान किए चुके हैं।