कहते है की एक बार जो मनुष्य ठान ले तो उसे लक्ष्य प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है। आपदा को अवसर में कैसे बदला जाता है इसका उदाहरण सीएम योगी से बढ़कर कोई नहीं हो सकता है।
जिन मजदूरों को दूसरी राज्य सरकारों ने सौतेला समझकर ना उनके रहने खाने का इंतज़ाम किया और ना ही उनके लिए कोई व्यवस्था की, आज उन्ही मजदूरों से यूपी का भाग्य लिखने की तैयारी सीएम योगी ने कर ली है।
सीएम योगी ने ना सिर्फ 25 लाख मजदूरों को प्रदेश में वापिस बुलाया बल्कि उन्हें रहने और खाने का इंतज़ाम भी किया।
इसके बाद आयोग का गठन किया। स्किल मैपिंग करवाई गयी ताकि उन्हें जल्द रोज़गार मिल सके।
योगी जैसे कर्मयोगी की मेहनत का ही ये परिणाम है कि सिर्फ 10 दिनों में 7.5 लाख श्रमिकों के रोज़गार का रास्ता साफ़ हो गया है।
दरअसल इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और रीयल एस्टेट विकास परिषद ने योगी सरकार से इन मजदूरों को रोज़गार देने की हामी भर दी है।
जिस तरह से सीएम योगी निर्णय ले रहे है उसे देखकर तो यही लग रहा है कि आने वाले समय में उत्तरप्रदेश सारे राज्यों को पीछे छोड़कर निर्यात में नम्बर 1 हो जाएगा।