इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को बेंगलुरु गए। वहां वे पहली बार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) गए। वह घरेलू तकनीक से बने लड़ाकू विमान तेजस पर चढ़े। मुख्यमंत्री ने एचएएल के निर्मित कई विमान एवं हेलीकॉप्टर के निर्माण एवं कार्य पद्धति को समझा। इस दौरान उनका अलग अंदाज देखने को मिला। सीएम ने लड़ाकू विमान तेजस में बैठकर इसके बारे में जानकारी ली।
जमीन और अन्य संसाधन मुहैया कराने का वादा
उन्होंने एचएएल को मप्र में भी इकाई स्थापित करने के लिए आमंत्रण दिया और कहा कि एचएएल की देश में कई स्थानों पर यूनिट हैं। मध्य प्रदेश में यदि कंपनी एयरोस्पेस एवं रक्षा में से किसी एक डेवलपमेंट विंग की स्थापना करेगी तो प्रदेश सरकार भूमि और अन्य समस्त आधारभूत सुविधाएं सिंगल विंडो से त्वरित गति से उपलब्ध कराएगी। यूनिट की स्थापना को सुविधाजनक बनाने और पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक नोडल व्यक्ति की भर्ती की जाएगी।
एचएएल के परिसर का दौरा किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एचएएल की अंतिम असेंबली और उपकरणों की जांच की। वह एलसीए विमान निर्माण प्रक्रिया से अवगत थे। संरचनात्मक, असेंबली, कनेक्शन, आउटफिटिंग और परीक्षण चरणों को भी समझा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तेजस विमान में प्रवेश किया और उसके हथियारों और सुरक्षा के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
इसके अलावा मुख्यमंत्री को ध्रुव हेलिकॉप्टर में बैठाया गया और पायलट ने उन्हें इसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने टिप्पणी की कि प्रत्येक भारतीय को इस तथ्य पर गर्व होना चाहिए कि एचएएल के विमान और सुरक्षा गियर, जो घरेलू तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं, ने भारतीय नौसेना की क्षमताओं में सुधार किया है। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीबी अनंत कृष्णन ने मुख्यमंत्री को तेजस लड़ाकू विमान का एक मॉडल दिया।