मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान 7 मई को होना है। इस दौरान सीएम डॉ मोहन यादव प्रदेश में जमकर चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं। हर दिन प्रदेश के अलग अलग संसदीय क्षेत्रों में जाकर प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम यादव पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वजिय सिंह के गढ़ यानी राजगढ़ में पहुंचे। यहां पर सीएम ने चुनावी सभा के मंच से पुलिसकर्मियों पर भड़क गए और उनको जमकर फटकारा।
दरअसल, राजगढ़ जिले के बोडा में बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने के लिए आए हुए थे। इस दौरान सीएम की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने जनता को मंच से काफी दूर बैठा दिया। जिसे देखकर सीएम का पारा चढ़ गया और उन्होंने मंच से पुलिस को फटकार लगा दी।
सीएम मोहन यादव ने मंच पर माइक लेते हुए पुलिस को फटकार लगाई। सीएम ने पुलिसकर्मियों से कहा कि अरे तुम फेल हो रहे हो। कौन अधिकारी है यहां पर पुलिस का, कौन अधिकारी है, यहां आने दो छोड़ दो तुम तुम्हारें बस की बात नहीं है। आने दो सब को, अकल ही नहीं है क्या। काई के लिए रोका रखा तुमने।
पुलिस को फटकार लगाने और जनता को मंच के पास बुलाने के बाद सीएम मोहन यादव ने कहा कि ऐसे इंतजाम ही क्या जो जनता से दूर कर दें। हम जनता के बीच के लोग हैं। सीएम का यह अंदाज देख जनता भी तालियां बजाने लगी। यहां चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने पूर्व सीएम और राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना भी साधा।
ये देख वहां मौजूद लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। सीएम ने स्वागत से पहले ही लोगो को मंच से दूर देखा तो पुलिसकर्मियों को फटकार लगाते हुए बैरीकेट्टस हटवाकर जनता को मंच के पास बुलवाया। साथ ही कहा कि ऐसे इंतजाम ही क्या जो जनता से दूर कर दें। हम जनता के बीच के लोग है। सीएम का ऐसा अंदाज देखकर वहां मौजूद जनता भी तालियां बजाने लगी।
राजगढ़ में पहुंचे सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा। सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि राजगढ़ का चुनाव दिग्विज सिंह और रोडमल नागर के बीच में नहीं हो रहा है। ये चुनाव सनातन संस्कृति और सनातन संस्कृति के बीच गाली देने वालों के बीच में हो रहा है।
राजगढ़ का इतिहास
राजगढ़ जिला राज्य का अहम शहर है। यह एक छोटा-सा जिला है लेकिन एक साफ-सुथरा है। राजगढ मे नेवज नदी बहती है, जिसे शास्त्रों में निर्विन्ध्या कहा गया है। राजगढ़ जिले में स्थित नरसिंहगढ़ के किले को कश्मीर ए मालवा कहा जाता है। ये मध्य प्रदेश का सर्वाधिक रेगिस्तान वाला जिला है। ये जिला मालवा पठार के उत्तरी छोर पर पार्वती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है।
2011 की जनगणना के मुताबिक राजगढ़ में 24,89,435 जनसंख्या है। यहां की 81.39 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण इलाके में रहती है और 18.61 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। इस क्षेत्र में गुर्जर, यादव और महाजन वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है। ये चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की जीत में अहम भूमिका निभाते हैं।
राजगढ़ में 18.68 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं और 5.84 अनुसूचित जनजाति के हैं। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में इस सीट पर 15,78,748 मतदाता थे. इनमें से 7,51747 महिला मतदाता और 8,27,001 पुरुष मतदाता थे।
साल 1962 में यहां पर हुए पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भानुप्रकाश सिंह को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के लिलाधर जोशी को हराया था। कांग्रेस को इस सीट पर पहली बार जीत 1984 में मिली, जब दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के जमनालाल को मात दी थी।
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। चचौड़ा, ब्यावरा, सारंगपुर, राघोगढ़, राजगढ़, सुसनेर, नरसिंहगढ़ और खिलचीपुर यहां की विधानसभा सीटें हैं।
पिछले चुनाव की बात की जाए तो यहां से बीजेपी ने एक बार फिर से रोडमल नागर पर विश्वास दिखाया था और चुनावी मैदान में उतारा था। उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में कांग्रेस ने मोना सुस्तानी को टिकट दिया था। इस चुनाव में बीजेपी के रोडमल को 8.23 लाख वोट मिले थे जबकि कांग्रेस की मोना को 3.92 लाख वोट मिले थे। इस चुनाव में रोडमल नागर ने मोना सुस्तानी को 4.31 लाख वोटों के भारी-भरकम अंतर से हराया था।
बीजेपी के रोडमल नागर को 8,23,824 वोट मिले (जीते)
कांग्रेस की मोना सुस्तानी को 3,92,805 वोट मिले
नोटा को जनता ने 10,375 वोट दिए
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में बीजेपी के रोडमल नागर ने कांग्रेस अंलाबे नारायण सिंह को हराया था। इस चुनाव में नागर को 5,96,727(59.04 फीसदी) वोट मिले थे और अंलाबे नारायण को 3,67,990(36.41 फीसदी) वोट मिले थे। दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,28,737 वोटों का था। तीसरे स्थान पर बसपा रही थी। उसको 1.37 फीसदी वोट मिले थे ।
राजगढ़ लोकसभा सीट को राजगढ़ जिले और गुना और आगर मालवा जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है। इस लोकसभा सीट में भी कुल आठ विधानसभाएं हैं जिनमें चाचौरा, राघौगढ़, नरसिंह गढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर और सुसनेर शामिल हैं। इन सभी विधानसभाओं में सिर्फ 2 पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि बाकी पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है।
अगर लोकसभा चुनावों की बात की जाए तो यहां पहले 2 लोकसभा में कांग्रेस को जीत मिली। इसके बाद 1962 में यहां से नरसिंहगढ़ के राजा भानु प्रकाश सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद यह सीट कभी किसी एक पार्टी के पास ज्यादा लंबे वक्त तक नहीं रही। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दो बार चुनाव जीत चुके हैं और लक्ष्मण सिंह 5 बार चुनाव जीत चुके हैं। फिलहाल यह लोकसभा सीट बीजेपी के पास ही है।