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Loksabha Election: सीएम ने की सभा, बोले- 5 मई को आएगी लाडली बहनों की राशि

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सबसे पहले संविधान को बदलने का काम कांग्रेस ने किया। नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी सहित अन्य ने संविधान संशोधित किया।

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: सीएम ने की सभा, बोले- 5 मई को आएगी लाडली बहनों की राशि

मध्यप्रदेश में तीसरे चरण की वोटिंग के लिए मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ पार्टियों के चुनाव प्रचार में भी तेजी आ गई है। मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव लगातार संसदीय सीटों पर पहुंचकर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं और रोड शो कर रहे हैं।

बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भिंड के लहार में लोकसभा प्रत्याशी संध्या राय के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संध्या राय के वोट के लिए अपिल किया।

सीएम मोहन यादव ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सूर्य देवता और जनता में होड़ लगी है। तापमान के साथ भीड़ भी बढ़ती जा रही है। सीएम मोहन यादव ने मंच से कहा कि 5 मई को आएगी लाडली बहनों की राशि।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा और बोले कि कल एमपी की धरती पर पप्पू आए। वह झूठ की मशीन हैं। जब भी बोले झूठ ही बोले। सबके बीच किताब दिखाई, बोले संविधान की किताब है। आरोप लगाए भाजपा संविधान बदल देगी। दोस्तो वो किताब और कोई है।

मोहन यादव ने कहा कि सबसे पहले संविधान को बदलने का काम कांग्रेस ने किया। नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी सहित अन्य ने संविधान संशोधित किया। इंदिरा गांधी ने 29 बार संशोधन किया। चुनाव जीतने के जरूरी है जनता आपको पसंद करे। जबसे आजादी मिली, धारा 370 लगाकर नासूर बनाया। 40 हजार निर्दोष लोग मारे गए। मोदी ने 370 खत्म की। देश के अंदर आतंकवाद खत्म किया।

मोहन यादव बोले कि मोदी है तो मुमकिन है। सेना ने पराक्रम किया और कांग्रेस ने सबूत मांगा। दस साल से देश मे एक भी आतंकवाद की घटना नहीं हुई। कोरोनाकाल में लोगों को कोविड से बचाव के मुफ्त टीके लगाए। सीएम ने कहा कि पहला वोट देश की सुरक्षा के लिए, दूसरा वोट कोविड से जान बचाने के लिए। भगवान का अपमान, हिंदू समाज के अपमान की कीमत विपक्षी दलों को चुकानी पड़ेगी। अभी भगवान राम मुस्कराए हैं।

पांच साल में विकास कराए, विवादित नहीं रहीं

सांसद सध्या राय का पांच साल का कार्यकाल औसत ठीक रहा है। शहर में भिंड-अटेर क्रासिंग, सोनी, रायतपुरा औ साैंधा के पास ओवरब्रिज की मंजूरी दिलाने के साथ इटावा-ग्वालियर तक मैमो ट्रेन की मंजूरी दिलाने सहित इटावा-ग्वालियर हाइवे को फोरलेन की मंजूरी दिलाना सहित काम हैं, जो उन्होंने कराए हैं। साथ ही कार्यकर्ताओं के बीच में उनकी छवि साफ एवं स्वच्छ है। यही वजह है, कि भिंड-दतिया लोकसभा में कार्यकर्ता उन्हें पसंद करते हैं।

2019 में भारी पड़ी थी बीजेपी
साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो मोदी लहर में बीजेपी की संध्या राय 5,27,694 वोट हासिल करके विजेता बनी थीं। दूसरे नंबर कांग्रेस के देवाशीष जरारिया और तीसरे नंबर पर बाबू राम जमोर थे।

पार्टी प्रत्याशी वोट नतीजे
1 बीजेपी   संध्या राय                 5,27,954 जीत
2 कांग्रेस   देवाशीष जरारिया     3,27,809
3 बसपा    बाबूराम जामोर          66,613

2014 में भी खिला था कमल

2014 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी के भागीरथ प्रसाद 4,04,474 वोट के साथ पहले नंबर पर रहते हुए विजेता बने थे। कांग्रेस नेता इमरती देवी दूसरे और बीएसपी प्रत्याशी मनीष कतरोलिया तीसरे नंबर पर रहे थे।

पार्टी प्रत्याशी वोट नतीजे
1 बीजेपी   डॉ भागीरथ प्रसाद        4,04,474 जीत
2 कांग्रेस   इमरती देवी                 2,44,513
3 बसपा    मनीष कातरोलिया           33,803

2009 में किसका पलड़ा था भारी?

2009 के लोकसभा चुनावों का जिक्र करना भी अहम है। बीजेपी ने 2009 में अशोक अर्गल को प्रत्याशी बनाया था। वे 2,27,365 वोट हासिल करते हुए विजेता बने थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस नेता भगीरथ प्रसाद थे। तीसरे नंबर पर बीएसपी नेता डीआर राहुल थे।

पार्टी प्रत्याशी वोट नतीजा
1 बीजेपी   अशोक अर्गल           2,27,365 जीत
2 कांग्रेस    डॉ भागीरथ प्रसाद    2,08,479
3 बसपा      डी आर राहुल         60,803

क्या है जातीय समीकरण?
भिंड लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर पिछले 9 लोकसभा चुनावों से बीजेपी का ही कब्जा है। भिंड लोकसभा सीट से विजयराजे सिंधिया सिंधिया, उनकी बेटी वसुंधरा राजे सिंधिया भी चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि विजयराजे सिंधिया ने यहां चुनाव जीता था जबकि वसुंधरा राजे सिंधिया चुनाव हार भी चुकी है।

2011 की जनगणना के मुताबिक भिंड की आबादी 24,89,759 है जिसकी 75.3 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 24.7 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। भिंड में 23.1 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है और .85 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है।

राजनीति में किसका दबदबा

भिंड लोकसभा सीट पर अगर पारंपरिक रूप से राजनीतिक पार्टियों के दबदबे की बात की जाए तो यहां पर 35 सालों से सत्ता में बीजेपी काबिज है. लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही कड़ी टक्कर रहती है. कुछ हद तक बसपा भी वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हुई है लेकिन इस सेंधमारी में जीत का सपना फिलहाल कोसों दूर है.

बसपा तो ठीक यहां पर कांग्रेस को जीतना मुश्किल हो रहा है क्योंकि बीजेपी यहां पर अपने उम्मीदवार के साथ कई प्रयोग कर चुकी है इसके बाद भी जनता ने 1989 से लेकर 2019 तक सिर्फ बीजेपी पर ही भरोसा दिखाया है. यहां से फिलहाल बीजेपी से संख्या राय सांसद हैं जिन्होंने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के देवाशीष जरारिया को करीब 2 लाख वोट से हराया था.

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