भोपाल में आयोजित 17वें AUAP सम्मेलन (Association of Universities of Asia and the Pacific) में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास शिक्षा और जीवन मूल्यों से जुड़ा है, जिसने 1000 से 2000 साल तक दुनियाभर के लोगों को आकर्षित किया।
भारतीय इतिहास और शिक्षा का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत ने शिक्षा के साथ जीवन मूल्यों का ऐसा संयोजन प्रस्तुत किया, जिसे दुनिया ने अपनाया।” उन्होंने महाभारत और रामायण के नैतिक मूल्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां रावण ने शक्ति अर्जित की, लेकिन नैतिकता का अभाव उसे पतन की ओर ले गया। वहीं, भगवान राम ने नैतिकता और आम जनों के सहयोग से आदर्श स्थापित किए।
इजरायल और संघर्ष का संदर्भ
मुख्यमंत्री ने इजरायल के संदर्भ में कहा, “2 हजार सालों से अपनी जमीन ढूंढता इजरायल संघर्ष और शांति का प्रतीक है। भारत ही एकमात्र देश है जो जीवन मूल्यों और शांति का संदेश देता है। हमें यह भी सोचना चाहिए कि लड़ाई किसके कारण हो रही है और कौन इसे भड़काता है।”
पूर्व प्रधानमंत्री पर निशाना
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए डॉ. मोहन ने कहा, “डिग्रियां और शिक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं, अगर भाव और नैतिकता की चूक हो।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनधन योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि “एक साधारण चाय वाले ने ऐसा विचार दिया, जो शिक्षा व्यवस्था के बड़े-बड़े दिग्गज नहीं सोच पाए।”
नई शिक्षा नीति और डिग्री की आजादी
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश ने नई शिक्षा नीति को लागू कर ज्ञान की सीमाओं को तोड़ा है। अब किसी भी उम्र में, किसी भी स्तर पर डिग्री हासिल की जा सकती है।
विदेशी दौरे और निवेश की तैयारी
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि वह यूके और जर्मनी के बाद अन्य देशों में भी दौरे करेंगे। दिसंबर में एक और अंतरराष्ट्रीय टूर की योजना है। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए भोपाल में वैश्विक कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।”