नई दिल्लीः मणिपुर में 3 महीने हिंसा जारी है। इसी बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का बड़ा बयान सामने आया है। पूर्व सेना प्रमुख ने आशंका जताई है कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जगह-जगह हो रहे विद्रोह के पीछे चीनी समूहों का हाथ है। पूर्व जनरल नरवणे ने कहा कि देश के सीमावर्ती राज्यों में इस तरह की अस्थिरता होना, पूरे देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में पूरी हिंसा के पीछे विदेशी एजेंसियों की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता। “बल्कि मैं कहूंगा कि निश्चित रूप से इस हिंसा में चीन शामिल हैं”।
ड्रग तस्करी पर जताई चिंता
पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पूर्वोत्तर राज्य में चल रही हिंसा के बीच चल रही ड्रग तस्करी की भूमिका पर भी चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में लंबे समय से ड्रग्स तस्करी हो रही है। नशीली दवाओं की मात्रा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी भी है। सेवानिवृत्त जनरल नरवणे ने अग्निपथ योजना के जरिए हो रही जवानों की भर्ती, गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प पर भी जवाब दिया। अग्निपथ योजना पर उन्होंने कहा कि स्कीम कितनी सफल या विफल रही, यह तो समय ही बताएगा। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को काफी विचार-विमर्श के बाद ही लॉन्च किया गया था। कई लोगों का कहना है कि इस योजना को आर्थिक कारणों की वजह से लॉन्च किया गया है। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें सेना में युवाओं की जरूरत है।
मणिपुर में 3 महीने से जारी हिंसा
गौरतलब है कि सीमावर्ती मणिपुर राज्य में बीते 3 महीनों से लगातार हिंसा जारी है। राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में हर रोज हत्या, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और आगजनी होती हैं। उधर मणिपुर में जारी हिंसा का जायजा लेने के लिए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के 20 से ज्यादा सांसद दो दिवसीय दौरे पर हैं। जो राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मौजूदा स्थिति का जायजा ले रहे हैं।