देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज बुधवार को कार्यभार संभाल लिया है। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “राष्ट्र निर्माण की पहली सीढ़ी मतदान है। हर भारतीय नागरिक जो 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुका है, उसे मतदाता बनना चाहिए और अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।”
राजीव कुमार के मंगलवार को सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद ज्ञानेश कुमार को निर्वाचन आयोग के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुखबीर सिंह संधू निर्वाचन आयुक्त हैं, जबकि विवेक जोशी को सोमवार को निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया। ज्ञानेश कुमार अगले चार वर्षों तक मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं देंगे।
#WATCH दिल्ली: नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कार्यभार संभालने के बाद कहा, "राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है। इसलिए भारत का हर नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उन्हें मतदाता जरूर बनना चाहिए और मतदान जरूर करना चाहिए। भारत के संविधान, चुनावी कानूनों,… https://t.co/IXIfMWbaJP pic.twitter.com/V4Ffa1Vmls
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2025
चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध
ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग संविधान, चुनावी कानूनों और नियमों के तहत निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।
बड़ी चुनावी चुनौतियां होंगी सामने
उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती विपक्ष का विश्वास जीतना और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराना होगा। आने वाले समय में बिहार विधानसभा चुनाव (2025)
पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और असम विधानसभा चुनाव (2026) जैसे बड़े चुनाव होंगे, जिनकी सफलता की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर होगी। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
1988 बैच केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। केंद्र सरकार में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय और कॉपरेशन मंत्रालय में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं।
केरल सरकार में असिस्टेंट कलेक्टर से लेकर सचिव तक विभिन्न विभागों में सेवाएं दी हैं।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुआ चयन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति ने सोमवार को उनके नाम की सिफारिश की, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंजूरी दी। अब उनकी अगुवाई में भारत के आगामी चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी। देखना होगा कि वे इस भूमिका को कितनी कुशलता से निभाते हैं।