केंद्र सरकार के लिए काम कर रहे पुरुष कर्मियों को अब बड़ी राहत देने का ऐलान किया जा सकता है। ऐसे पुरुष कर्मी जो सिंगल पैरंट हैं, अब उन्हें भी चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) मिल सकती है।
बता दें कि पूरी सर्विस के दौरान केंद्र कर्मचारी कुल 730 दिन की सीसीएल ले सकता है। अबतक इसका प्रावधान सिर्फ महिला कर्मचारियों के लिए है। सरकारी नोटिफिकेशन में एकल पिता को अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा के रूप में परिभाषित किया गया है।
महिला कर्मियों के लिए बने नियमों के मुताबिक, वे प्रति वर्ष 3 चरणों में बच्चों की देखरेख के लिए छुट्टियां ले सकती हैं। यह सुविधा सिर्फ 2 बच्चों तक ही दी जाती है।
गैर शादीशुदा, विधुर या तलाकशुदा पुरुष को सिंगल पैरंट (पुरुष) के अंतर्गत रखा गया है। ऐसे पुरुषों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन यह कदम सोच में परिवर्तन दिखाता है। इससे पहले तक महिलाओं को ही बच्चे की देख-देख करनेवाला समझा जाता रहा है।
सरकारी संस्थाओं को यह सुझाव कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने दिया है। ऑर्डर में कहा गया है, ‘एक सरकारी महिला कर्मचारी और सिंगल मेल पैरंट को संबंधित अथॉरिटी से 730 दिन की छुट्टियां मिलनी चाहिए। यह सर्विस शुरुआती दो बच्चों की देखरेख, उनकी जरूरतों जैसे शिक्षा, बीमारी आदि की देखरेख के लिए होनी चाहिए।’
DoPT की सिफारिश के मुताबिक, शुरुआती 365 दिनों में 100 प्रतिशत सैलरी और बाकी 365 दिन की 80 प्रतिशत सैलरी दी जाए। सिंगल पैरंट (पुरुष) से जुड़े नियमों में बदलाव सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का हिस्सा हैं जिन्हें स्वीकारा जाना बाकी है।
रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर पुरुष कर्मी सिंगल है तो बच्चे को संभालने का भार उसपर ही आता है। बता दें कि सीसीएल के अलावा महिला कर्मी को 180 दिन की मैटरनिटी लीव और पुरुष को 15 दिन की छुट्टी का प्रावधान है।
इनपुट के आधार पर दिव्यांग बच्चों के मामलों में 22 साल की उम्र तक बाल देखभाल अवकाश की शर्त को हटा दिया गया है। अब सरकारी कर्मचारी दिव्यांग बच्चे के लिए बाल देखभाल अवकाश किसी भी उम्र तक ले सकते हैं।
7वें वेतन आयोग ने सिंगल मेल पेरेंट्स के लिए चाइल्ड केयर लीव की सिफारिश की थी। सरकार ने इसकी मंजूरी देते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह सुविधा उन पुरुष कर्मचारियों को मिलेगी जो सिंगल पेरेंट हैं या जिनके बच्चों की उम्र 18 साल से कम है।
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के आदेश के मुताबिक सरकारी महिला कर्मचारी और सिंगल मेल पेरेंट को संबंधित अथॉरिटी से 730 दिन की छुट्टियां मिलनी चाहिए। यह सर्विस पहले दो बच्चों की देखरेख, उनकी शिक्षा, बीमारी जरूरतों के लिए होनी चाहिए।
नए नियमों के तहत पहले 365 दिनों में 100% जबकि बाकी 365 दिन की छुट्टियों के दौरान 80% सैलरी देने का प्रावधान है। महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव के अलावा 180 दिन की मैटरनिटी लीव भी मिलती है। लेकिन, पुरुषों के लिए सिर्फ 15 दिन की पैटरनिटी लीव का प्रावधान था।
कर्मचारियों के अर्जित अवकाश (ईएल) में भी संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक जनवरी और जुलाई महीने के पहले ही दिन 5 एडवांस लीव उनके खाते में जोड़ दी जाएंगी।
उन्होंने इसे उल्लेखनीय और सुधारवादी कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों का जीवन आसान बनेगा। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में फैसला कुछ समय पहले ही जारी किया जा चुका है लेकिन इसे सार्वजनिक मंचों पर प्रमुखता नहीं मिली।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि बाल देखभाल अवकाश पर कर्मचारी अब संबंधित प्राधिकारी की पूर्व अनुमति से मुख्यालय छोड़ सकेगा।