महाभारत के युद्ध के बारे में तो सब जानते है और सब यह भी जानते है कि अर्जुन और कर्ण माता कुंती के ही पुत्र थे और प्रसिद्द धनुर्धर थे लेकिन क्या आपको पता है कि कर्ण अर्जुन को मार सकते थे लेकिन मार नहीं पाए क्यों ? दरअसल जब
महाभारत के युद्ध के बारे में तो सब जानते है और सब यह भी जानते है कि अर्जुन और कर्ण माता कुंती के ही पुत्र थे और प्रसिद्द धनुर्धर थे लेकिन क्या आपको पता है कि कर्ण अर्जुन को मार सकते थे लेकिन मार नहीं पाए क्यों ? दरअसल जब
हिन्दू धर्म में चैत्र से लेकर फाल्गुन तक 12 माह है और हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, और इस माह में यह दिन गुरुवार 27 फरवरी को पड़ रहा है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है इसलिए इनकी पूजा करने
होली इस देश में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है और यह पर्व हर फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस दिन को होलिका दहन किया जाता है और देश से सभी प्रमुख हिस्सों में इस परम्परा का पालन बड़े ही धूमधाम से किया जाता
होली इस देश में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है और यह पर्व हर फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस दिन को होलिका दहन किया जाता है और देश से सभी प्रमुख हिस्सों में इस परम्परा का पालन बड़े ही धूमधाम से किया जाता
हिन्दू धर्म में फाल्गुन माह का बड़ा महत्व है, इस महीने में महाशिवरात्रि और होली जैसे 2 बड़े और मुख्य पर्व आते है और इसी बसंत के महीने में होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। फाल्गुन माह के कृष्ण पर्व की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई गयी और अब
हमारे शास्त्रों में शिव को अनादि कहा गया है, शिव समष्टि के अहंकार है और प्रलय के देव है। किसी भी वस्तु का संहार शिव के ही आधीन है, मनुष्यों का प्राण हरने वाले स्वयं भगवान यमराज भी शिव के ही आधीन है, प्रलय काल में भी शिव के तांडव
इस देश में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां रामचरितमानस का पाठ नहीं होता है, भगवान राम और माता सीता के आचरण और मर्यादा की पवित्रता से रामायण परिपूर्ण है और घर घर गायी जाती हैं, इसी मानस के अरण्य काण्ड में जिक्र है की भगवान राम ने वनवास
पंचांग के अनुसार 12 माह के हर माह में 1 पूर्णिमा और 1 अमावस्या आती है और इस महीने 23 फरवरी को फाल्गुन माह की अमावस होगी जिसके बाद शुक्ल पक्ष आरंभ हो जाएगा। यूँ तो हर माह की अमावस ख़ास होती है लेकिन फाल्गुन माह की अमावस की महिमा
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर माह में एक अमावस्या आती है, इस दिन चन्द्रमा सबसे कमजोर होता है, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का चंद्रमा सबसे बलवान होता है और उस दिन सबसे उजली रात होती है और उस दिन के बाद बढ़ते हुए चंद्रमा का बल धीरे धीरे
वैदिक ज्योतिष के ग्रंथो यथा उत्तर कालमृत, फलदीपिका, सारावली जैसे ग्रंथों में कई योगों का जिक्र है, और ये योग कई प्रकार के होते है। कई योग ऐसे होते है जो फलित होने पर मनुष्य को लाभ देते है वही कई योग ऐसे भी है जिनके कारण मनुष्य को भारी
सनातन सभ्यता में हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि वही फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि बोला जाता है, एक रात्रि पूर्व शिव को प्रसन्न करने के लिए रात भर साधना और जागरण होता है वही अगले दिन पूर्ण विधि विधान से रूद्र मंत्रो
हमारे शास्त्रों में भगवान विष्णु को इस समस्त ब्रह्माण्ड का स्वामी कहा गया है और उन्हें इस जगत का पालनहार भी कहा जाता है। हमारे हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक माह में दो पक्ष होते है जिन्हे शुक्ल और कृष्ण पक्ष कहा जाता है, जब पूर्णिमा को और बढ़ता हुआ
इस देश में घर घर में रामचरित मानस का पाठ किया जाता है, और जब बात मानस की होती है तो बात होती है राम की मर्यादा और सीता के चरित्र की, माता सीता एक आदर्श बेटी, पत्नी और बहू थी, राम ने माता कैकयी की बात रखने के लिए
भगवान शिव को देवों का देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिव को सृष्टि का पालनहार भी कहा जाता है। उनके गले में नाग, हाथों में डमरू और त्रिशूल होते हैं। इन्हें कई नामों से जाना जाता है। उनमें से कुछ नाम हैं- महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र और नीलकंठ।
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की युतियों से कई योगों का निर्माण होता है और ये अच्छी और बुरी दोनों हो सकती है, दरअसल ज्योतिष में हर ग्रह कई चीज़ों का कारक होता है और वो जिस ग्रह के साथ युति करता है उसी के अनुसार वो फल देता है। ज्योतिष