एक महत्वपूर्ण कदम में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति में संभावित प्रवेश की ओर इशारा करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है। न्यायाधीश गांगुली ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की नकल करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजा।
यह कदम उन अटकलों के बीच आया है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर बंगाल के तमलुक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं और क्षेत्र में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के गढ़ को चुनौती दे सकते हैं।
भाजपा में शामिल होने की अटकलें
न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के इस्तीफे को राजनीति में उनके संभावित प्रवेश के अग्रदूत के रूप में देखा जा रहा है, खासकर उनके भाजपा में शामिल होने और लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच।
ऐसी आशंका है कि जज गांगुली तृणमूल कांग्रेस के गढ़ तमलुक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं, जो चुनावी परिदृश्य में एक दिलचस्प आयाम जोड़ देगा।
भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बावजूद, न्यायाधीश ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रशंसा की, उन्हें “अनुभवी राजनीतिज्ञ” कहा और उनके लिए “बहुत सम्मान” व्यक्त किया।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक गतिशीलता और आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के इस्तीफे और राजनीति में संभावित प्रवेश पर ध्यान आकर्षित होने की उम्मीद है।