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अतिक्रमण को लेकर कारोबारी आत्महत्या करने तक को मजबूर

By: RNI Hindi Desk 
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अतिक्रमण को लेकर कारोबारी आत्महत्या करने तक को मजबूर

शहर को सुंदर बनाने के लिए कारोबारियों के कारोबार पर चलाना पड़ रहा है बुलडोजर. अतिक्रमण का सहारा लेकर शहर को सुंदर बनाने की कोशिश में शहर के कई कारोबारियों को अपने कारोबार से हाथ धोना पड़ सकता है. हम बात कर रहे हैं बदायूं जनपद के शहर बदायूं की जहां चौराहों और सड़कों का सौंदर्यीकरण करने के लिए व्यापारियों की दुकानों को तोड़ा जा रहा है. ये व्यापारी अभी कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे थे लॉकडाउन से प्रताड़ित होकर यह पनप नहीं पाए थे कि प्रदेश सरकार और प्रशासन ने अतिक्रमण का भूत उनके सर पर खड़ा कर दिया जिससे उनका कारोबार खत्म होने के कगार पर है. दुकानों पर लाल निशान लगाकर एंड लिख दिया. जिसका मतलब पूरी दुकान ध्वस्त करना है, व्यापारियों का कहना है कि हम पर दोहरी मार पड़ रही है हम लॉकडाउन में अपना सब कुछ गवां चुके हैं और अब हमने संभलने की कोशिश जारी की तो प्रदेश सरकार और प्रशासन ने अतिक्रमण को लाकर हमें आत्महत्या करने पर मजबूर किया जा रहा है. जब हमारे पास व्यापार नहीं होगा तो हम अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे हमारे सामने सिर्फ एक ही चारा रह जाता है वो है आत्महत्या का.वही इस संदर्भ में जब हमने बदायूं नगरपालिका चेयर पर्सन दीपमाला गोयल से बात की तो उन्होंने बताया हम किसी से उसकी जगह पर जबरदस्ती अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं अगर वह जगह आपकी है तो आप हमें उस संपत्ति के कागज दिखाएं हम शहर को सुंदर बनाना चाहते हैं जिसके लिए हमसे जो बन सकेगा हम करेंगे. हमने शहर के 12 चौराहे चिन्हित किए हैं जहां बुलडोजर चलेगा इससे व्यापारियों का खासा नुकसान होगा. लेकिन शहर को सुंदर बनाना भी मेरा दायित्व है दूसरी ओर अगर हम व्यापारियों की माने तो व्यापारी इसमें किसी साजिश होने का इशारा करते नजर आ रहे हैं. कई स्थान पर नगर पालिका खुद अतिक्रमण करते हुए दिखाई दे रही है, जो उसने अतिक्रमण के लिए निशान लगाएं हैं उस निशान से आगे खुद निर्माण करती नजर आ रही है.

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