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Budhni By-Election: भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध, रमाकांत भार्गव के टिकट को लेकर बगावत

बुधनी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा खुलकर सामने आया है, जहां उन्होंने रमाकांत भार्गव के प्रत्याशी चुने जाने का विरोध किया है। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि संगठन ने राजेन्द्र सिंह राजपूत को टिकट नहीं दिया, तो चुनाव परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

By: Rekha 
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Budhni By-Election: भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध, रमाकांत भार्गव के टिकट को लेकर बगावत

बुधनी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा खुलकर सामने आया है, जहां उन्होंने रमाकांत भार्गव के प्रत्याशी चुने जाने का विरोध किया है। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि संगठन ने राजेन्द्र सिंह राजपूत को टिकट नहीं दिया, तो चुनाव परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

उप चुनाव प्रभारी रामपाल सिंह राजपूत को विरोध के चलते भैरूंदा में कार्यकर्ताओं का सामना करना पड़ा, जहां उन्होंने एक स्वर में भार्गव के टिकट के खिलाफ आवाज उठाई। रामपाल सिंह को भाषण बीच में ही छोड़ना पड़ा, क्योंकि कार्यकर्ताओं की मांग थी कि यदि उनका नेता नहीं बदला गया, तो वे कांग्रेस के समर्थन में मतदान करेंगे।

बुधनी क्षेत्र में रमाकांत भार्गव की उम्मीदवारी की घोषणा होते ही विरोध की लहर तेज हो गई थी। पिछले तीन दिनों से कार्यकर्ताओं ने टिकट परिवर्तन की मांग की थी। इस संदर्भ में, पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह राजपूत ने सर्व मंगलम् पैलेस में एक बैठक आयोजित की, जिसमें एक हजार से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

राजपूत ने कार्यकर्ताओं के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे संगठन तक अपनी बात पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा, “मेरा जीवन कार्यकर्ताओं की सेवा में समर्पित है। पद का कोई लालच नहीं है, लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरी जनता दुखी हो।”

रामपाल सिंह ने भी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि उनकी भावनाओं को संगठन के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में राजपूत ने कांग्रेस शासन को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

बैठक में शामिल कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि राजपूत को टिकट नहीं मिला, तो वे पोलिंग बूथ पर काम नहीं करेंगे और न ही मतदान में भाग लेंगे। कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्ष 2003 में राजपूत ने शिवराज सिंह चौहान के लिए अपनी सीट छोड़ी थी, और अब समय है कि उस बलिदान की कद्र की जाए।

भाजपा नेता रघुनाथ सिंह भाटी सहित कई कद्दावर कार्यकर्ता बैठक में उपस्थित थे, और राजपूत के समर्थकों ने उनकी उम्मीदवारी की मांग को मजबूती से उठाया। कार्यकर्ताओं का यह गुस्सा संगठन के लिए एक बड़ा संकेत है कि यदि उनकी इच्छाओं का सम्मान नहीं किया गया, तो चुनाव में पार्टी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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