केंद्रीय बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी, और 1 फरवरी को केंद्रीय बजट संसद में पेश किया जाएगा। इस बीच, विपक्षी गठबंधन इंडिया ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की है, जिसमें बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, और महाकुंभ के वीआईपी राजनीति जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे।
विपक्षी गठबंधन की रणनीति: बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे प्रमुख
इंडिया गठबंधन ने स्पष्ट किया कि वह संसद में बेरोजगारी, किसानों की स्थिति, और महाकुंभ के दौरान चल रही राजनीति पर सवाल उठाएगा। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा की वीआईपी गतिविधियों के कारण आम आदमी को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, और ये मुद्दे सत्र के दौरान उठाए जाएंगे।
सर्वदलीय बैठक: सरकार से विपक्षी दलों की बातचीत
संसद के बजट सत्र से पहले, सरकार ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई, जो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, द्रमुक के टीआर बालू, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और अन्य नेताओं ने भाग लिया। यह बैठक सरकार के विधायी एजेंडे को लेकर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी।
बजट सत्र का शेड्यूल: सत्र में विपक्ष की तैयारी
बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक जारी रहेगा। इस दौरान विपक्ष सरकार से बेरोजगारी, कृषि संकट और अन्य समकालीन मुद्दों पर जवाब मांगने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जनता के मुद्दे: विपक्ष का फोकस
इंडिया गठबंधन ने साफ किया है कि इस बजट सत्र में वह केवल बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, और महाकुंभ के दौरान आम लोगों की समस्याओं जैसे मुद्दों को उठाएगा, ताकि जनता की आवाज संसद में सुनी जा सके।