दिल्ली: आगामी Budget 2025 को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार से मिडिल क्लास के लिए 7 अहम मांगें रखी। केजरीवाल ने इस दौरान कहा कि देश के मिडिल क्लास को अब तक कोई राजनीतिक पार्टी प्राथमिकता नहीं देती, और यह वर्ग हमेशा से ही दवाब और टैक्स के बोझ तले दबा हुआ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां बड़े उद्योगपतियों को खुश करने में व्यस्त रहती हैं, जबकि आम आदमी और मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं किया जाता।
अरविंद केजरीवाल की प्रमुख मांगें
शिक्षा बजट बढ़ाकर 2% से 10% किया जाए
केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट को बढ़ाकर 2% से 10% किया जाए और प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण लगाया जाए। इसके अलावा, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था भी की जाए।
स्वास्थ्य बजट में वृद्धि
उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में भी इजाफा करने की बात की और स्वास्थ्य बीमा से टैक्स को कम करने की भी मांग की।
इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाए
इनकम टैक्स की छूट सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए, ताकि मिडिल क्लास को राहत मिल सके।
जीएसटी में कटौती
उन्होंने आवश्यक वस्तुओं पर से जीएसटी को खत्म करने की मांग की, ताकि आम जनता पर कम बोझ पड़े।
सीनियर सिटिजन्स के लिए रिटायरमेंट प्लान और पेंशन
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक मजबूत रिटायरमेंट योजना और पेंशन योजना बनाई जाए। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त इलाज दिया जाए।
रेलवे में बुजुर्गों के लिए छूट की बहाली
बुजुर्गों को रेलवे में पहले 50% किराए पर छूट मिलती थी, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है। केजरीवाल ने इसे फिर से लागू करने की मांग की है।
मिडिल क्लास पर टैक्स बोझ में कमी
केजरीवाल ने मिडिल क्लास को “टैक्स टेररिज्म” का शिकार बताते हुए कहा कि यह वर्ग अब सिर्फ सरकार के लिए एटीएम बन कर रह गया है। उन्होंने इसे राहत देने की बात की।
मिडिल क्लास के लिए मैनिफेस्टो जारी
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास के लिए एक अलग मैनिफेस्टो भी जारी किया, जिसमें उनकी प्रमुख मांगें और योजनाओं का उल्लेख किया गया। केजरीवाल का कहना है कि उनकी पार्टी ने हमेशा मिडिल क्लास के लिए काम किया है और यह वादा करती है कि भविष्य में भी इस वर्ग के लिए काम किया जाएगा।