मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव के रूप में 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन की नियुक्ति की घोषणा की गई है। अनुराग जैन, जो वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत थे, अब प्रदेश के शीर्ष प्रशासनिक पद पर आसीन होंगे।
वीरा राणा के रिटायरमेंट के बाद मुख्य सचिव की नियुक्ति
वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा का कार्यकाल समाप्त होने पर यह बदलाव हुआ है। वीरा राणा सोमवार को रिटायर हो गईं और अब उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अनुराग जैन के साथ मुख्य सचिव पद की रेस में राजेश राजौरा का नाम भी शामिल था, जो फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत हैं। हालांकि, अनुराग जैन की सीनियरिटी और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उन्हें इस पद के लिए चुना गया।
अनुराग जैन का प्रशासनिक अनुभव
अनुराग जैन का लंबा प्रशासनिक अनुभव है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त सचिव के रूप में भी सेवाएं दी हैं। वह प्रधानमंत्री जन धन योजना के निर्माण और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में पब्लिक सर्विस डिलीवरी गारंटी एक्ट को लागू करने में भी उनका योगदान रहा है, जो बाद में अन्य राज्यों में भी लागू किया गया।
शिक्षा और व्यक्तिगत उपलब्धियां
अनुराग जैन ने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (ऑनर्स) किया है और 2005 में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिरैक्यूज से एमए (लोक प्रशासन) की डिग्री हासिल की है। वह टेनिस, क्रिकेट और टेबल टेनिस के शौकीन भी हैं, जो उन्हें एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ एक सक्रिय खिलाड़ी भी बनाता है।
मुख्य सचिव की दौड़ और अन्य दावेदार
मुख्य सचिव पद के लिए राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान, और एसएन मिश्रा जैसे वरिष्ठ आईएएस अफसरों के नाम भी चर्चा में थे। लेकिन अंततः, दिल्ली से अनुराग जैन को प्रदेश में वापस भेजने की मंजूरी मिली और उन्हें इस पद के लिए चुना गया।
राजेश राजौरा अभी भी मुख्यमंत्री कार्यालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और भविष्य में उनके पास मुख्य सचिव बनने का मौका रहेगा, क्योंकि उनका कार्यकाल 2027 तक है।