किसान आंदोलन पर जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, सरकार कोशिश कर रही है कि किसानों को समझा कर आंदोलन को खत्म करवाया जाए। लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हुए है। वहीं दूसरी तरफ कुछ बीजेपी नेता किसान आंदोलन को लेकर ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे बात बनने के बजाए और भी बिगड़ सकती है।
इन नेताओं में कोई आंदोलन की फंडिग को लेकर सवाल उठा रहा है तो किसानों के पिज्जा और बिरयानी खाने पर उन्हें नकली किसान बता रहा है। कर्नाटक के कोलार से बीजेपी सांसद एस मुनिस्वामी ने किसान आंदोलन को लेकर ऐसा ही बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है।
बीजेपी नेता और राजस्थान के रामगंजमंडी, कोटा से बीजेपी के विधायक मदन दिलावर ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया। दिलावर ने किसानों के आंदोलन को पिकनिक करार देते हुए कहा कि ये चिकन बिरयानी खिलाकर देश में बर्ड फ्लू फैलान की साजिश है।
बीजेपी नेता ने आगे कहा, “चिकन बिरायानी खिलाकर, मैं समझता हूं बर्ड फ्लू फैलाने का षडयंत्र है ये, और मुझे पूरी आशंका है कि कुछ दिनों तक सरकार ने इनको नहीं हटाया तो देश में बर्ड फ्लू का प्रकोप बड़ा रूप ले सकता है। मेरी प्रार्थना है कि इन आंदोलनकारियों को तुरंत एकत्र होने से रोकें। उनको प्रेम से, मान जाएं तो ठीक नहीं तो सख्ती बरतें ताकि देश वासियों को बर्ड फ्लू के प्रकोप से बचाया जा सके।”
बीजेपी सांसद एस मुनिस्वामी ने कहा है कि दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर्स पर जो किसान आंदोलन कर रहे हैं वे पैसे देकर लाए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करने वाले बिचौलिए हैं और नकली किसान हैं। इसके साथ ही उन्हों कहा कि आंदोलन करने वाले पर पिज्जा खा रहे हैं और जिम खोल रहे हैं।
एस मुनिस्वामी ने कहा, ”दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान पैसे देकर प्रदर्शन स्थल पर लाए गए हैं। यह बिचौलिए हैं और नकली किसान हैं। वे पिज्जा खा रहे हैं, बर्गर खा रहे हैं, केएफसी के प्रोडक्ट खा रहे हैं और उन्होंने जिम भी बना ली हैं। यह नाटक रुकना चाहिए।”
अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले एमपी के रीवा से सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी किसान आंदोलन को लेकर ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन की फंडिंग कनाडा से हो रही है।
इतना ही उन्होंने किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ बता दिया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को अपराधियों को समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन का हर एक प्रारूप खालिस्तानी जैसा दिखाई देता है।