रिपोर्ट– माया सिंह
पटना : बिहार की राजनीति में चाणक्य नाम से मशहूर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार एक सुलझे हुए राजनेता हैं । साथ ही राजनीतिक में इनका करियर कई दशक का है। करीब 15 साल से ज्यादा तो बिहार के मंत्री रह चुके हैं । इसके अलावा केन्द्र सरकार में भी कई वर्ष तक रेल और अन्य मंत्रालयों की कुर्सी संभाल चुके हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि इतने सफल नेता होने के बावजूद उन्हें अभी तक एक चीज की अफसोस है , जिसे वे अब तक पूरा नहीं कर पाए है।
बता दें कि दिन सोमवार को बिहार म्यूजियम बिनाले , 2021 के उद्घाटन समारोह के दौरान सीएम नीतिश कुमार ने इस इच्छा को जगजाहिर किया । असल में , बिहार म्यूजियम का निर्माण नीतिश कुमार के कार्यकाल में ही हुआ है जो कि देश के तमाम बड़े म्यूजियम में शामिल हो गया है । आइए जानते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री होने के बावजूद आखिर कौन-सी ऐसी चीज है जिसे वे पूरा नहीं कर पाये और अभी तक उन्हें अफसोस है ?
दरअसल , मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का सपना अपने निजी जिंदगी से जुड़ा नहीं है बल्कि बिहार के विकास से संबंधित हैं । नीतिश कुमार चाहते है कि बिहार संग्रहालय को पटना संग्रहालय से भूमिगत रूप से जोड़ दिया जाए ताकि जो बिहार संग्रहालय देखने आएं, वह पटना संग्रहालय भी देखें। इसी तरह बिहार संग्रहालय को पहुंचे यात्रि पटना संग्रहालय भी आसानी से पहुंच जाएं । इसलिए यह उनकी सोच है कि बिहार संग्रहालय अंडरग्राउंड तरीके से पटना संग्रहालय से जुड़ जाए। इसके साथ ही उन्होनें अफसोस मन से कहा कि पता नहीं यह ख्वाहिश कब पूरी होगी। हालांकि कई दफा इस पर वे चर्चा कर चुके हैं ।
गौरतलब है कि , मुख्यमंत्री की चाहत है कि लगभग 100 साल पुराना पटना म्यूजियम और हाल ही में तैयार हुआ बिहार म्यूजियम को भूमिगत सुरंग के माध्यम से जोड़ दिया जाए ताकि लोग एक साथ दोनों का आनंद ले सकें । बताते चलें कि दोनों म्यूजियम में पौने दो किलोमिटर का अंतर है । बिहार म्यूजियम पटना के बेली रोड पर स्थित है तो वहीं आगे बढ़ने पर बुद्ध मार्ग पर पटना म्यूजियम है ,जो कि अंग्रेजों के शासन के वक्त बनी थी ।