नई दिल्ली : बिहार के गोपालगंज में एक 27 वर्षीय शख्स की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है। वहीं मृतक की मां का कहना है कि अगर पुलिस ने तहरीर दर्ज होने के बाद त्वरित कार्रवाई की होती तो, आज उनका बेटा जिंदा रहता। आपको बता दें कि मृतक की मां के बयान पर पुलिस ने 5 नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
बताया जा रहा है कि युवक को मरने से पहले जमकर यातनाएं दी गईं। आरोपियों ने उसे एक पेड़ से बांध दिया। फिर उसकी बेरहमी से पिटाई की। यही नहीं उसके निजी अंगों को भी नुकसान पहुंचाया गया। बाद में जब युवक की मौत हो गई तो आरोपी उसे नदी में फेंककर फरार हो गए।
बता दें कि मृतक युवक की पहचान अजय साहनी के तौर पर हुई है, वह सिधवलिया के सलेमपुर निवासी रामचंद्र सहनी का बेटा था। मृतक अजय की मां जीवति देवी ने घटना से 3 दिन पहले ही सिधवलिया थाने में अपने बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मृतक की मां का आरोप है कि पुलिस ने अगर समय रहते ही आरोपियों को गिरफ्तार किया होता तो उनके बेटे की हत्या नहीं होती।
हत्या के बाद नदी में फेंका युवक का शव
परिजनों के मुताबिक, करीब तीन दिन पहले अजय अचानक ही घर से लापता हो गया। जिसके बाद परिजनों ने उसकी काफी तलाश की। जब उसका कोई पता नहीं चला तो पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज कराया। इसी बीच युवक का शव पुलिस को मिला, जिसके बाद पुलिस आगे की जांच में जुट गई। बताया जाता है कि हत्या से पहले युवक की बेरहमी से पिटाई की गई थी, फिर पश्चिम चंपारण के गोविंदगंज इलाके में नदी में फेंक दिया गया।
मामले की जांच में जुटी पुलिस, एक आरोपी अरेस्ट
पीड़ित परिजनों ने युवक की हत्या से पहले का एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें युवक के हाथ और पैर रस्सी से बंधे हुए हैं। पूरे मामले में सिधवलिया पुलिस ने बताया कि मृतक की मां के बयान पर 5 लोगों को नामजद और 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपियों में गांव के ही वीरेंद्र महतो, मंतोष महतो, सोनू कुमार, आशा देवी और कृष्णा महतो शामिल हैं। पुलिस ने एक आरोपी आशा देवी को गिरफ्तार कर लिया है।