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Vodafone Idea ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, Vi कंपनी ने की बड़ी घोषणा

Vodafone Idea ग्राहकों को आखिरकार जिस खबर का इंतजार था, वो खबर आ गई। जिससे वे अब राहत की सांस लेंगे। दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार ये खबरें सामने आ रही थी कि Vi कंपनी बंद हो जाएंगी। क्योंकि कंपनी के पास फंड नहीं है। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब कंपनी के सीईओ ने कह दिया है कि वे अब पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं है।

By: Amit ranjan 
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Vodafone Idea ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, Vi कंपनी ने की बड़ी घोषणा

नई दिल्ली : Vodafone Idea ग्राहकों को आखिरकार जिस खबर का इंतजार था, वो खबर आ गई। जिससे वे अब राहत की सांस लेंगे। दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार ये खबरें सामने आ रही थी कि Vi कंपनी बंद हो जाएंगी। क्योंकि कंपनी के पास फंड नहीं है। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब कंपनी के सीईओ ने कह दिया है कि वे अब पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं है। और जल्द ही एक उत्साह के साथ मार्केट में नजर आएंगे।

वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ रविंदर टक्कर ने कहा कि कंपनी कारोबार में निवेश बढ़ाने और बाजार में प्रतिस्पर्धा में उतरने के लिए तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जब सरकार की तरफ से वास्तविक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे उसके बाद ही कंपनी अपनी व्यवसाय योजना को उसके मुताबिक आगे बढ़ाएगी।

टक्‍कर ने कहा कि हम कारोबार करेंगे और हम हमेशा यहां अपनी उपस्थिति बना कर रखेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है हम बाजार में बने रहेंगे और इस बात में भी कोई संदेह नहीं है कि हम प्रतिस्‍पर्धा में बने रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वोडाफोन आइडिया के साथ भारत तीन कंपनियों वाला बाजार होगा और हम निरंतर बाजार में टिके रहेंगे और प्रतिस्‍पर्धा भी करेंगे।

उन्‍होंने कहा कि हमें उम्‍मीद है कि दिशा-निर्देश अगले कुछ दिनों में आ जाएंगे। उसके आधार पर हम देखेंगे कि हमें कितना फंड जुटाने की आवश्‍यकता है, कितने धन की जरूरत होगी, किस तरह से फंड जुटाएंगे। वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने पहले 25,000 करोड़ रुपये तक के फंड को जुटाने की मंजूरी प्रदान की थी लेकिन कंपनी अभी तक किसी भी निवेशक को तलाशने में असफल रही।

गौरतलब है कि कंपनी के प्रवर्तक आदित्‍य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन ने कंपनी में और निवेश करने से इनकार कर दिया था। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह दबाव में फंसे दूरसंचार क्षेत्र के लिये बड़े सुधार पैकेज को मंजूरी दी। इस पैकेज में सांविधिक बकाये के भुगतान से चार साल की मोहलत, दुलर्भ रेडियो तरंगों को साझा करने की अनुमति, सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परिभाषा में बदलाव तथा स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के सुधार उपायों से उद्योग को भरोसा मिला है कि शुल्क दरें बढ़ सकती हैं।

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