देश के महान क्रांतिकारी और शहीद भगत सिंह की जयंती है। वे अपनी जिंदगी की परवाह किये बिना संघर्ष करते हुए देश के लिए शहीद हो गए थे। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को अविभाजित भारत में लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।
23 साल की उम्र में ही अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया था। कल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान देशवासियों को भगत सिंह के पराक्रम के बारे याद दिलाया, साथ ही साथ जयंती की शुभकामनाएं भी दीं।
और आज पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी।
मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/LMy2Mlpkol
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2020
इस मौके पर अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करके शहीद भगत सिंह को याद करते खा कि देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।देश के सभी युवाओं से मेरी अपील है कि आइये हम सब मिलकर अमर शहीद भगत सिंह जी के सपनों का भारत बनाएं।
देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
देश के सभी युवाओं से मेरी अपील है कि आइये हम सब मिलकर अमर शहीद भगत सिंह जी के सपनों का भारत बनाएं। 🇮🇳 pic.twitter.com/KEsN2qlylG
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 28, 2020
अमित शाह ने भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि भारत माँ के वीर सपूत, सादगी के प्रतीक और देश में प्रगतिशील राजनीति के रचनायक पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उनके विचार, सिद्धांत और देश व समाज के प्रति समर्पित जीवन सदियों तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
भारत माँ के वीर सपूत, सादगी के प्रतीक और देश में प्रगतिशील राजनीति के रचनायक पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
उनके विचार, सिद्धांत और देश व समाज के प्रति समर्पित जीवन सदियों तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/r3NUQm3Mei
— Amit Shah (@AmitShah) September 25, 2020
वसुंद्रा राजे ने ट्वीट करते हुए कहा की भगत सिंह जी ने शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार से देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। उनका आदर्श जीवन युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। आज देश को भगत सिंह जैसे जोश व उमंग से भरे राष्ट्रभक्तों की आवश्यकता है ताकि हम विघटनकारी ताकतों से मुकाबला कर सकें।
भगत सिंह जी ने शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार से देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। उनका आदर्श जीवन युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। आज देश को भगत सिंह जैसे जोश व उमंग से भरे राष्ट्रभक्तों की आवश्यकता है ताकि हम विघटनकारी ताकतों से मुकाबला कर सकें।#BhagatsinghJayanti pic.twitter.com/GYqA3MyFKU
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) September 28, 2020
देश के आजादी के लिए चले आंदोलनों में इनकी अहम भूमिका रहती थी। जब जलियांवाला बाग कांड हुआ तो महज 12 साल के थे। इस घटना से उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा। बस फिर क्या था, 14 की उम्र में वे अपने स्कूल की किताबों और कपड़ों को आग लगा कर निकल पड़े देश में लगे आग को बुझाने।
सन् 1920 में पहली बार वो महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन में शामिल हुए। हालांकि, बाद में उनकी विचारधारा उनसे अलग हो गई लेकिन मकसद एक था ‘देश की आजादी’ ।
23 की उम्र में ब्रिटिश सेना द्वारा ने उन्हें फांसी पर लटकाने का फरमान जारी कर दिया। आपको बता दें कि भगत सिंह मार्क्स के विचारों से काफी प्रभावित थे। उनका इंकलाब जिंदाबाद का नारा आज भी काफी प्रसिद्ध है। इसका मतलब है कि क्रांति की जय हो। इस नारे ने देशवासियों में जोश भरने का काम किया था।