मतदाताओं को अक्सर ये शिकायत रहती है कि नेता सिर्फ चुनाव के समय वोट मांगने के लिए नजर आते हैं. उसके बाद पूरे 5 साल तक जनता उनके दर्शन तक को तरस जाती है. कुछ ऐसा ही मध्यप्रदेश के बैतूल लोकसभा क्षेत्र में भी हो रहा है. बैतूल लोकसभा क्षेत्र में आने वाले मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम महतपुर में शाम को भाजपा प्रत्याशी डीडी उइके वोट मांगने के लिए पहुंचे. इस दौरान जनता ने उनके साथ ही विधायक चंद्रशेखर देशमुख को भी खूब खरी-खोटी सुनाई.
ग्रामीणों ने कहा “पूरे 5 साल में सांसद ने कभी महतपुर की ओर पलटकर भी नहीं देखा. 5 साल में कम से कम एक बार ही आ जाते और हाथ हिलाकर ही चले जाते तो जनता संतुष्ट हो जाती. सांसद और लोकसभा प्रत्याशी के खिलाफ जनता के गुस्से का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.
वायरल हो रहे वीडियो में महतपुर गांव के लोगों के बीच बैठे सांसद डीडी उइके और विधायक चंद्रशेखर देशमुख गर्दन झुकाकर बैठे हुए नजर आ रहे हैं.
वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि महतपुर गांव के ग्रामीणों ने करते हुए बताया है कि शनिवार शाम को गांव के श्री राम मंदिर प्रांगण में भाजपा की टिकट पर दोबारा सांसद का चुनाव लड़ रहे डीडी उइके के साथ चौपाल लगाई गई थी. दरसअल लोकसभा चुनाव में सहयोग मांगने की बात करने पर ग्रामीणों ने कहा कि 5 साल से आखिर आप थे कहां.”
सेवानिवृत्त एक शिक्षक ने पूरे गांव की ओर से सांसद से कई सवाल पूछे. उन्होंने कहा “गांव में जब हमने हायर सेकंडरी स्कूल के आवेदन की बात की तो हमारा फोन तक नहीं उठाया. यह लोकतंत्र है क्या. हमने लोकतंत्र को पढ़ा है और बच्चों का गढ़ा है. क्या यह लोकतंत्र है कि जनप्रतिनिधि जीतकर चला जाए और हम उसके पीछे चक्कर काटें. हमारे यहां 2008 से स्कूल खुला है, आप चलकर देखें बच्चे कैसे पढ़ रहे हैं.
क्या आपका यह दायित्व नहीं है कि साल में एक बार ही आप महतपुर ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में आकर हाथ हिलाकर चले जाते. हम पढ़े लिखे हैं, हम लोकतंत्र में जीने वाले लोग हैं. हमें दुख है कि हम तो कोई मांग ही नहीं करते. हमें नहीं चाहिए रोड, हम तो गड्ढे में रहने वाले लोग हैं. अब हमने मांग करना ही बंद कर दिया है.”
बैतूल लोकसभा सीट राजनीतिक कारणों से तो महत्वपूर्ण है ही साथ ही यह ऐतिहासिक धरोहरों को भी अपने आप में समाए हुए है. यहां पर खेड़ला दुर्ग, भंवरगढ़, सांवलीगढ़, शेरगढ़ और असीरगढ़ के किले हैं जो कि यहां पर गोंडराज के इतिहास को दिखाते हुए आज भी जस के तस खड़े हैं. इन ऐतिहासिक धरोहरों के अलावा बैतूल के सारनी में सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन भी मौजूद है