अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी नई किताब के जरिए रोज नए खुलासे कर रहे हैं। हाल ही में राहुल गांधी को अपरिपक्व राजनेता बताने के बाद अब ओबामा ने अपने किताब में कांग्रेस पार्टी की अंदरुनी सियायत को लेकर भी कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
ओबामा ने अपनी किताब में लिखा है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया था ताकि उन्हें और राहुल गांधी को मनमोहन सिंह से कोई खतरा महसूस नहीं होता था। ओबामा ने कहा कि सोनिया ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया था।
बराक ओबामा वर्ष 2010 में भारत आए थे। उन्होंने अपनी किताब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित एक रात्रिभोज का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि पार्टी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेता शामिल थे।
पार्टी का जिक्र करते हुए ओबामा लिखते हैं कि सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुनने पर गौर कर रही थीं। इसके अलावा बातचीत में वह हर चर्चा को अपने बेटे की तरफ मोड़ देती थीं।
हालांकि ये साफ नहीं है कि किस मुलाकात के आधार पर ओबामा ने ये राय बनाई है क्योंकि ओबामा और राहुल गांधी की कुल तीन बार मुलाकात हुई है। पहली मुलाकात थी 7 नवंबर 2010 यानी राहुल गांधी के चुनावी राजनीति में शामिल होने के करीब 6 साल बाद।
2009 में ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे और नवंबर 2010 में पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर आए थे इसी दौरान राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी। दूसरी मुलाकात हुई थी 27 जनवरी 2015 को, इस दौरान कांग्रेस लोकसभा चुनाव हार चुकी थी और पीएम मोदी गद्दी संभाल चुके थे, वहीं ओबामा भी दूसरी बार चुने जा चुके थे।
ये मुलाकात ITC मौर्या शेलटेन में हुई थी। वहीं तीसरी मुलाकात हुई थी। 1 दिसंबर 2017 को इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने ये ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होनें ओबामा को राष्ट्रपति बताया था जबकि जनवरी 2017 में ही ओबामा का राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा हो गया था।
किताब में ओबामा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात और अनौपचारिक बातचीत का उल्लेख भी किया है। ओबामा ने लिखा कि भारत की अर्थव्यवस्था में बड़े परिवर्तन के मुख्य शिल्पकार मनमोहन थे और वह इस प्रगति गाथा के सही प्रतीक हैं। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने ही भारत में आर्थिक उदारीकरण के द्वार खोले थे।
ओबामा ने किताब में जिक्र किया है कि एबटाबाद में लादेन के ठिकाने पर छापा मारने के अभियान में पाकिस्तान को शामिल करने से इन्कार कर दिया था। इसके पीछे वजह यह थी कि पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया सेवा में कुछ लोगों के तालिबान और अलकायदा से संबंध थे।
उन्होंने साफ लिखा है कि पाकिस्तान कई बार अफगानिस्तान एवं भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल करते थे। ओबामा ने कहा कि अत्यधिक खुफिया अभियान का तत्कालीन रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स और पूर्व उपराष्ट्रपति एवं मौजूदा निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने विरोध किया था।
ओबामा ने अपनी किताब में खुद के कार्यकाल में एबटाबाद में अलकायदा के सरगाना और मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के बारे में भी कई खुलासे किए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति को राष्ट्रपति कहने की इस गलत जानकारी पर राहुल का मजाक भी बना था। ये तीनों मुलाकातें बड़ी नहीं थी लेकिन इनमें राहुल गांधी की जो छाप ओबामा के मन पर पड़ी वो उन्होंने अपनी किताब में लिख दी और जिस पर बीजेपी लगातार हमलावर है।
बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि राहुल गांधी अपरिपक्व नेता हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भी विश्वास नहीं है।
एक बार फिर बीजेपी को कांग्रेस पर हमलावर होने का मौका मिल गया है। पहले से ही हार से परेशान कांग्रेस के लिए ओबामा की किताब एक बड़ा सिरदर्द साबित होने जा रही है, ऐसा लगता है।