स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के खिलाफ भारत सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत पांच सालों की अवधि के लिए इस संगठन को 'गैरकानूनी संघ' करार दिया है। बता दें कि यह एक प्रतिबंधित संगठन है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया। अमित शाह ने कहा कि यह संगठन भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।
एक अधिसूचना मे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि सिमी अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रख रहा है और अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित कर रहा है जो अभी भी फरार हैं। यह संगठन साम्प्रदायिकता, वैमनस्य पैदा करके, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में जुटी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूएपीए। सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।”
Bolstering PM @narendramodi Ji's vision of zero tolerance against terrorism ‘Students Islamic Movement of India (SIMI)’ has been declared as an 'Unlawful Association' for a further period of five years under the UAPA.
The SIMI has been found involved in fomenting terrorism,…— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) January 29, 2024
इससे पहले, सिमी, जो कथित तौर पर देश में कई आतंकी कृत्यों में शामिल था, को सरकार ने 2019 में पांच और वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इसे 1 फरवरी 2014 को यूपीए सरकार के तहत भी पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।