रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। इतना ही नहीं चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि इन 7 प्राणियों को नींद से जगाया तो हो सकती है मौत…
अहिं नृपं च शार्दूलं बरटिं बालकं तथा।
परश्वानं च मूर्खं च सप्त सुप्तान्न बोधयेत्।।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से बताया है कि अगर सात प्राकार के लोग सो रहें हैं, तो उन्हें कभी नींद से नहीं जगाना चाहिए, उन्होने ने आगाह किया है कि ऐसे लोगो को नींद से उठाने से आपकी जान जा सकती है। उन्होने बताया कि राजा या प्रशासक को नींद की अवस्था से कभी नहीं जगाना चाहिए। उन्होने इसका तर्क दिय़ा कि अधूरी नींद में जगाने से उसे गुस्सा भी आ सकता है और क्रोध में आकर वो आपको सजा भी दे सकता है।
आचार्य चाणक्य ने आगे बताया कि शेर और सर्प को नींद से जगाना आपको भारी पड़ सकता है। उन्होने कहा है कि अगर मौत से बचना है तो इन दोनों की नींद कभी भंग नहीं करनी चाहिए। इन्होने आगे कहा है कि बच्चे को नींद से कभी नहीं जगाना चाहिए, उन्होने इसका तर्क दिया है कि अधूरी नींद में उठने के बाद बच्चे जिद पकड़ लेते हैं और आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य मूर्ख व्यक्ति को भी जगाने से मना करते हैं। उनका तर्क है कि मूर्ख को कुछ भी बताना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा होता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक हिंसक पशु को भी नींद से नहीं जगाना चाहिए, उन्होने तर्क दिया है कि उसे जगाए जाने पर वह क्रोध में आकर हमला कर सकता है। इसी तरह उन्होने कहा कि बिच्छू जैसे डंक मारने वाले कीड़े को भी सोते हुए नहीं जगाना चाहिए, उन्होने कहा है कि ये पलक झपकते ही डंक मारते हैं। ऐसे में आपकी जान पर भी खतरा हो सकता है।