नैशनल ऐंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने घोषणा की है कि, कोरोना वायरस का बहाना बनाकर जानबूझकर डोपिंग टेस्ट से बचने वाले ऐथलीट्स पर चार साल का बैन लगाया जाएगा। ऐथलीट घर आने वाले डोप कंट्रोल ऑफिसर्स (डीसीओ) को जानबूझकर सैंपल देने से इनकार करेंगे उनके साथ ऐसा किया जाएगा।
नाडा द्वारा दी गईं गाइडलाइंस के मुताबिक तोक्यो ओलिंपिक के संभावितों की ड्रग टेस्टिंग की जा रही है। साथ ही देश में खेल गतिविधियां और नैशनल कैंप भी दोबारा शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं।
इसके साथ ही अगर कोई खिलाड़ी अधिकारियों को सैंपल सौंपते समय दस्ताने और डिस्पोजेबल फेस बाक्स नहीं पहनेंगे या हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल नहीं करेगा, तो इसे दंडनीय अपराध माना जाएगा।
भारत के विशेष ऐथलीट्स की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए डीसीओ को भी विशेष सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं। नाडा ने कहा है कि डीसीओ को विजिट की सुबह और शाम को स्व-प्रत्यापण करना होगा, ‘उन्हें कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं है।’