दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट में संशोधन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा की दिल्ली में और यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अंग्रेजों के जमाने के कानून को बदला जाए ताकि नए कॉलेज, यूनिवर्सिटी खोले जा सकें। उन्होंने कॉलेज, यूनिवर्सिटी की कमी को हाई कटऑफ का सबसे बड़ा कारण माना है, जिस वजह से कम नंबर वाले बच्चे एडमिशन नहीं मिल पता है।
दिल्ली में हम नए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ खोलना चाहते हैं। लेकिन अंग्रेज़ों द्वारा बनाया गया एक पुराना कानून अड़चन बना हुआ है।
मुझे पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पुराने कानून को बदलेगी और हम दिल्ली में बच्चों के लिए नए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ खोल पाएंगे। pic.twitter.com/aLYbK6u0Y5
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 16, 2020
अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह चिंता जताई है कि दिल्ली के अंदर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की बहुत ज्यादा कमी हो गई है। सीट कम हैं और बच्चों की संख्या ज्यादा हो गई है। हर साल दिल्ली में लगभग ढाई लाख बच्चे 12वीं पास कर करते हैं। उनमें से लगभग सवा लाख बच्चों को दिल्ली के कॉलेजों में एडमिशन मिलता है।
We need many more colleges and universities in Delhi Press Conference | LIVE https://t.co/CHWBZiD9XC
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 16, 2020
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा इसलिए यहां बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत है। इसके लिए हम तैयार हैं। यूनिवर्सिटी और कॉलेज खोलने के लिए निवेश की जरूरत पड़ेगी और हम निवेश करने के लिए भी तैयार हैं।
लेकिन अंग्रेजो के जमने की बनाये गए एक बहुत बड़ी कानूनी अड़चन हमारे सामने आ रही है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के 91 कॉलेज हैं, आईपी के 127 कॉलेज हैं। साथ ही दिल्ली की नौ यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट अंग्रेजों के समय बना था।
जिसमें यह लिखा है कि दिल्ली में अगर कोई भी कॉलेज खुलेगा तो वह केवल दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ सकता है। ऐसे में कोई भी अन्य यूनिवर्सिटी या कॉलेज नहीं खोला जा सकता। आज मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखकर विनती की है कि इस कानून में जो सेक्शन पांच है उसको हटाया जाए।’