Arvind Kejriwal Bail: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले मामले में 156 दिनों की जेल के बाद रिहा करने का आदेश दे दिया है। हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत पर कुछ महत्वपूर्ण शर्तें लगाई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है।
किन शर्तों पर मिली सीएम केजरीवाल को जमानत?
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्य कांत और उज्जल भुइयां शामिल थे, ने पांच सितंबर को हुई सुनवाई के बाद जमानत का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कुछ शर्तों के तहत जमानत दी है।
सीएम दफ्तर से दूरी: केजरीवाल जेल से बाहर तो रह सकते हैं, लेकिन वे मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे।
गवाहों से संपर्क पर रोक: उन्हें किसी भी गवाह से संपर्क करने की अनुमति नहीं है।
जांच में सहयोग: केजरीवाल को जांच में पूरी तरह सहयोग करना होगा।
10 लाख का मुचलका: उन्हें 10 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है, और इस दौरान वे किसी सरकारी फाइल पर साइन नहीं कर सकेंगे।
क्या CM केजरीवाल कर सकेंगे हरियाणा चुनाव में प्रचार?
आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Election 2024) को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सीएम केजरीवाल इन चुनावों में प्रचार कर पाएंगे? सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव प्रचार से नहीं रोका है। इसलिए, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल हरियाणा चुनाव में प्रचार कर सकते हैं और पार्टी दफ्तर भी जा सकते हैं।
बता दें कि केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए आम चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की एक जून तक की रिहाई मंजूर की थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। आज यानी 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई होती है तो कुल जेल गए 177 दिन हो जाएंगे। अगर 21 दिन की रिहाई को कम कर दिया जाए तो केजरीवाल कुल 156 दिन जेल में रहे।