जनपद मुजफ्फरनगर में थाना भोरा कलां क्षेत्र के गांव गढ़ी नोआबाद में उस समय हजारों लोगों की आंखें नम हो गई जब गांव निवासी सेना के जवान मोहित बालियान का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा. जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ जवान मोहित बालियान के पार्थिव शरीर को नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक राजपाल बालियान, पूर्व मंत्री योगराज सिंह समेत क्षेत्र के दर्जनों नेताओं समेत जिलाधिकारी एसएसपी और पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि जवान मोहित बालियान की गोली लगने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है कुछ लोग इसे क्रॉस फायरिंग के चलते भी बता रहे हैं. लेकिन सेना के अधिकारी इस पूरे मामले में जांच की बात कह रहे हैं. दरअसल जनपद मुजफ्फरनगर के गांव गढ़ी नोआबाद निवासी मोहित बालियान सन 2015 में मुजफ्फरनगर के चौधरी चरण सिंह स्टेडियम में हुई सेना की भर्ती में चयन हुए थे जिसमें ट्रेनिंग के बाद उनकी तैनाती कई स्थानों पर हुई वर्तमान में मोहित बालियान की तैनाती जम्मू कश्मीर में भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर राजोरी सैक्टर में आरआर 39 बटालियन मैं थी. बताया जा रहा है कि जांबाज जवान मोहित बालियान की बॉर्डर पर तैनाती के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी. सेना कैंप की ओर से जवान मोहित के परिजनों को मामले की जानकारी दी गई. जिसके बाद मोहित के परिजन मोहित के पार्थिव शरीर को लेने कश्मीर पहुंच गए थे और आज सुबह जवान मोहित बालियान का पार्थिव शरीर मुजफ्फरनगर के थाना फुगाना में लाया गया. जहां से उसके पार्थिव शरीर को थाना भोराकलां क्षेत्र के गांव गढ़ी नौआबाद में लाकर नम आंखों के साथ राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान उत्तर प्रदेश सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक राजपाल बालियान, पूर्व मंत्री योगराज सिंह रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी, भाजपा नेता राम कुमार सहरावत समेत दर्जनों नेता और जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, कार्यवाहक एसएसपी सतपाल अंतिल अमित कुमार अपर जिलाधिकारी प्रशासन सहित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. इसके अलावा गांव के हजारों लोग शामिल रहे जवान मोहित की अंतिम यात्रा में भारत माता जिंदाबाद के नारे लगाए गए. हालांकि सेना के जवान मोहित की शहादत को लेकर अभी संशय बरकरार है क्योंकि सेना की ओर से मोहित को शहीद का दर्जा देने की बात अभी नहीं कही गई है सेना के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच चल रही है कि मोहित की मौत क्रॉस फायरिंग में हुई है या फिर किसी और दूसरे कारण से.