नई दिल्ली : अमेरिकी सैनिकों के वापसी के साथ ही तालिबान लगातार अफगानिस्तान पर हमला कर रहा है और उसे अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा है। वहीं अफगानिस्तान भी तालिबान का डटकर सामना कर रहा है। लेकिन सुरक्षा सामाग्री और सुरक्षा बल पर्याप्त व प्रशिक्षित न होने के कारण उन्हें तालिबान के सामने कई मोर्चों पर शिकस्त झेलनी पड़ी। वहीं अब अमेरिका भी अफगानिस्तान की मदद को आगे आ गया है और उसने एक के बाद एक तालिबान पर कई ताबड़तोड़ हमले किये। इस हमले में तालिबान के पांच आतंकी मारे गये है। इसकी पुष्टि पेंटागन ने गुरुवार को की।
एक ऑफ-कैमरा प्रेस ब्रीफिंग में पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि पिछले कई दिनों में हमने एएनडीएसएफ (अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों) का समर्थन करने के लिए हवाई हमलों के माध्यम से कार्रवाई की है। हालांकि, उऩ्होंने इसके डिटेल बताने से साफ इनकार कर दिया। आगे उन्होंने कहा लेकिन जैसा कि सचिव (अमेरिकी रक्षा) ने कल कहा हम एएनडीएसएफ के समर्थन में हवाई हमले करना जारी रखेंगे। क्योंकि जनरल मैकेंजी के पास वे अधिकार हैं। स्थानीय मीडिया की मानें तो अमेरिका की आसमानी बमबारी यानी एयर स्ट्राइक में कम से कम पांच तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले तीन दिनों में अफगानिस्तान के कई प्रांतों में अमेरिका ने हवाई हमले किए हैं और इन हवाई हमलों में कम से कम पांच तालिबान आतंकवादी मारे गए हैं। कई ट्वीट में अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने दावा किया है कि तालिबान को निशाना बनाने वाले हवाई हमले अमेरिकी सैनिकों द्वारा किए गए हैं।
अमेरिका द्वारा हवाई हमले की रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है, जब अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के चेयरमैन मार्क मिली ने कहा है कि तालिबान खुद को इस तरह से पेश कर रहा है कि उसका जीतना तय है मगर इस लड़ाई का अंतिम भविष्य (एंडगेम) क्या होगा अभी इसे लिखा जाना बाकी है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि तालिबान ने देश के कुल 419 जिलों में से आधे करीब 210 जिलों पर अपना नियंत्रण कर लिया है और कई हिस्सों में अफगान सुरक्षा बलों के साथ उसका संघर्ष चल रहा है।
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्ट ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान के नियंत्रण की लड़ाई में रणनीतिक गति हासिल करता दिख रहा है। मिले ने बुधवार को पेंटागन में में कहा कि यह अफगानिस्तान की सुरक्षा, अफगानिस्तान सरकार और अफगानिस्तान के लोगों की इच्छाशक्ति एवं नेतृत्व की परीक्षा होगी। पेंटागन ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी की प्रक्रिया 95 प्रतिशत पूरी हो चुकी है और यह 31 अगस्त तक समाप्त हो जाएगी। मिले के साथ मौजूद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी सेना के प्रयास तालिबान पर नहीं, बल्कि आतंकवादी खतरों से निपटने पर केंद्रित होंगे। अमेरिका 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हमला करने वाले अलकायदा पर नजर रखेगा।