ओपी वरुण की रिपोर्ट
मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा पर्व ईद उल फितर आ गया है लेकिन लॉकडाउन के चलते ताजनगरी आगरा रेड जोन में है।
यही वजह है कि लॉकडाउन 4 में आगरा को कोई रियायत नहीं दी गई है।
भीड़ भाड़ ना हो, लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और वैश्विक महामारी से बचा जा सके इसके लिए जिला प्रशासन और शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है।
मुस्लिम धर्म से जुड़े लोग कहते हैं कि तकरीबन 102 साल बाद ऐसा मौका आ रहा है जब कोई भी व्यक्ति इबादत सामूहिक तौर पर नहीं कर पाएगा।
ईद की नमाज शाही जामा मस्जिद, ईदगाह, ताजमहल से लेकर इलाको की मस्जिद में नहीं पढ़ी जाएंगी। लोग घर पर ईद की नमाज अदा करेंगे और परिवार के साथ में ही त्यौहार मनाएंगे।
तकरीबन 102 साल बाद यह मौका है। इससे पहले स्पेन से आए एक वायरस के चलते भी ऐसी ही ईद देखने को मिली थी।