रिपोर्ट : शिव कुमार प्रजापति
आगरा : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार बसपा सुप्रीमो मायावती के उस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगी है, जो उनके शासनकाल के बाद अधूरा रह गया था। योगी सरकार का मानना है कि जब सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं तो इन अधूरे मकानों को पूरा करा देना चाहिए, ताकि शहरी गरीबों को इसका लाभ मिल सके। गौरतलब है कि इस योजना के तहत विभिन्न जिलों में अधूरे पड़े 23,400 मकानों के निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
आपको बता दें कि इसी योजना को पूरा करने के लिए एडीए उपाध्यक्ष राजेंद्र पेंसिया ओर नगर आयुक्त निखिल फुंडे ने कांशीराम योजना में बने 320 मकानों का निरीक्षण किया है। इसके साथ ही उन्होंने इन भवनों की जिम्मेदारी के लिए नगर निगम के जलनिगम, पॉवर कॉरपोरेशन, नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सभी विभागों को अपना कार्य समय पर पूरा करने के दिशा निर्देश दिये गये है।
बता दें कि कांशीराम आवास योजना की शुरूआत बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पिता श्री कांशीराम के नाम पर की थी। लेकिन उनकी सरकार जानें के बाद यह योजना अधूरा रह गया। हालांकि 2012 में अखिलेश सरकार ने भी इस अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का आदेश दिया था, लेकिन धनराशि नहीं जारी की। नतीजन मायावती की यह महात्वाकांक्षी योजना बंद हो गई।
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वहीं यूपी सरकार का मानना है कि जब सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं तो इन अधूरे मकानों को पूरा करा देना चाहिए, ताकि शहरी गरीबों को इसका लाभ मिल सके। आपको बता दें कि इस बाबत योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि उनके जिले में इस योजना से संबंधित कोई परियोजना अधूरी है तो उसे विकास प्राधिकरणों या आवास विकास के जरिए पूरा करा दिया जाए।