हाल ही में जेएनयू में हुई हिंसा के बाद देश के करीब 200 से ज्यादा अकादमिक जगत के विद्वानों ने पीएम मोदी को खत लिखकर लेफ्ट विचारधारा से जुड़े लोगों पर शिक्षण का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है। पीएम को पत्र लिखने वालों में कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी शामिल हैं।
इन विद्वानों ने लिखा है कि, हमारा मानना है कि स्टूडेंट पॉलिटिक्स के नाम पर अतिवादी वामपंथी अजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में जेएनयू और जामिया के साथ-साथ एएमयू से लेकर जाधवपुर यूनिवर्सिटी तक में आए घटनाक्रम से साफ पता चलता है कि किस तरह से अकादमिक माहौल को खराब किया जा रहा है। इसके पीछे लेफ्ट ऐक्टिविस्ट के एक छोटे से वर्ग की शरारत है।
इस पत्र को लिखने वालों में हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी के कुलपति आरपी तिवारी, साउथ बिहर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति एचसीएस राठौर और सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर कुलकर्णी शामिल हैं। ‘शिक्षण संस्थानों ने लेफ्ट विंग की अराजकता के खिलाफ बयान, शीर्षक से लिए गए पत्र में कुल 208 अकादमिक विद्वानों के हस्ताक्षर हैं।
CAA के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों औऱ जेएनयू में हुई हिंसा के बाद लिखे गए इस पत्र को सरकार की ओर से अकादमिक जगत में समर्थन जुटाने की कोशिश माना जा रहा है।